Rajasthan Political Crisis: भाजपा नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष को दिया ज्ञापन, कहा-गहलोत सरकार अल्पमत में
Rajasthan Political Crisis सतीश पूनिया और विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया के नेतृत्व में विधायकों ने जोशी को ज्ञापन देकर कहा कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है। 91 विधायकों ने जोशी को इस्तीफा सौंपने की बात कही थी। ऐसे में सरकार अल्पमत में है।
By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Tue, 18 Oct 2022 05:43 PM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस (Congress) में चल रही आंतरिक राजनीति को मंगलवार को भाजपा (BJP) ने नया मोड़ दिया है। भाजपा के एक दर्जन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) से मिलकर कांग्रेस विधायकों द्वारा 25 सितंबर को दिए गए सामूहिक इस्तीफों पर रुख स्पष्ट करने की मांग की है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) और विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) के नेतृत्व में विधायकों ने जोशी को ज्ञापन देकर कहा कि अशोक गहलोत सरकार (Gehlot Government) अल्पमत में है। 91 विधायकों ने जोशी को इस्तीफा सौंपने की बात कही थी। सरकार को 102 विधायकों को समर्थन हासिल है। ऐसे में सरकार अल्पमत में है।
पूनिया ने जोशी से कहा, प्रदेश में अस्थिरता का माहौल
पूनिया ने कहा कि हमने जोशी से कहा कि इस्तीफों को रोके नहीं और कोई निर्णय लें, जिससे प्रदेश के लोगों को हकीकत का पता चल सके। प्रदेश में अस्थिरता का माहौल है। क्योंकि इस्तीफा देने वाले सभी मंत्री के पद पर अभी काम कर रहे हैं। इस्तीफा देने के बावजूद महत्वपूर्ण फैसले कर रहे हैं। ऐसे में जोशी को शीघ्र निर्णय करना चाहिए। कांग्रेस विधायक या तो इस्तीफे वापस ले लें या फिर उनके इस्तीफे स्वीकार किए जाने चाहिए। कटारिया ने कहा कि करीब दो सप्ताह बीत चुके हैं, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ है। मंत्री और विधायक इस्तीफा देने के बाद सरकारी गाड़ी और आवास का उपयोग कर रहे हैं। उधर, जोशी को ज्ञापन देने पहुंचे भाजपा विधायकों के प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को शामिल नहीं हुए जाने पर उनके समर्थक विधायकों ने नाराजगी जताई है। पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने इस संबंध में प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह को शिकायत की है।
जानें, क्या है मामला
25 सितंबर को कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर बुलाई गई विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे। इन विधायकों ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के आवास पर बैठक की और फिर विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे दिए थे। बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश प्रभारी अजय माकन पहुंचे थे। बैठक में सीएम सहित सभी निर्णय करने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष को सौंपे जाने को लेकर एक लाइन का प्रस्ताव पारित होना था। गहलोत समर्थकों को इस बात की आशंका थी कि आलाकमान पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) को सीएम बना सकता है।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।