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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा, प्रत्येक पन्ना प्रमुख पर 60 वोट डलवाने का जिम्मा

Rajasthan Assembly Election 2023 राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा ने प्रदेश के 52 हजार पोलिंग बूथों पर पन्ना प्रमुख बनाने का निर्णय लिया है। प्रत्येक पन्ना प्रमुख को 60-60 वोट पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में डलवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Sat, 26 Mar 2022 05:43 PM (IST)
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यूपी व गुजरात की तर्ज पर राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा। फाइल फोटो
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राजस्थान का विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश (यूपी) और गुजरात की तर्ज पर लड़ेगी। अगले साल होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा ने प्रदेश के 52 हजार पोलिंग बूथों पर पन्ना प्रमुख बनाने का निर्णय लिया है। प्रत्येक पन्ना प्रमुख को 60-60 वोट पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में डलवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शनिवार को पन्ना प्रमुख नियुक्त किए गए हैं। छह अप्रैल को भाजपा के स्थापना दिवस पर पन्ना प्रमुखों का सम्मेलन होगा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया सहित सभी वरिष्ठ नेताओं को पन्ना प्रमुख बनाया गया है। पन्ना प्रमुख का महत्व इससे समझा जा सकता है कि वरिष्ठ नेताओं को इस पद की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले सभी पोलिंग बूथ स्तर पर पार्टी की इकाई बनाई जा चुकी है।

जानिए, कौन होता है पन्ना प्रमुख

भाजपा की रणनीति के तहत पन्ना अर्थात मतदाता सूची का एक पेज होता है। सूची में शामिल मतदाताओं का वोट पार्टी के पक्ष में डलवाने के लिए जिन लोगों को जिम्मेदारी दी जाती है उन्हें पन्ना प्रमुख कहा जाता है। पन्ना प्रमुख मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करते हैं। लगातार मतदाताओं के पक्ष में रहते हैं। मतदान संपन्न होने के बाद पार्टी नेतृत्व फीडबैक लेता है कि पन्ना प्रमुख के जिम्मे वाले कितने मतदाता वोट डालने गए और इनमें से कितने लोग पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर सकते हैं। पन्ना प्रमुख से मिले फीडबैक के आधार पर ही पार्टी अनुमान लगाती है कि किस पोलिंग बूथ और विधानसभा क्षेत्र में क्या चुनाव परिणाम रह सकता है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री भजन लाल शर्मा ने बताया कि शनिवार को पन्ना प्रमुख नियुक्ति अभियान के तहत सतीश पूनिया श्रीगंगानगर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जोधपुर, संगठन महामंत्री चंद्र शेखर जयपुर और गुलाब चंद कटारिया उदयपुर में मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश और गुजरात में पार्टी ने यही रणनीति अपनाई थी।

मत प्रतिशत बढ़ाने की रणनीति

2018 में कांग्रेस की सरकार बनी। कांग्रेस को 40.64 प्रतिशत मत और भाजपा 39.08 फीसद वोट मिले थे। शेष अन्य के खाते में गए थे। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा के मत प्रतिशत में ज्यादा अंतर नहीं रहा था। भाजपा नेताओं का मानना है कि यदि प्रत्येक पोलिंग बूथ पर तीन मत अतिरिक्त मिल जाते तो पार्टी फिर सत्ता में आ जाती।

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