राजस्थान में भाजपा का सरकार बदलने का संकल्प, पुनिया बोले- इस्तीफा देने वालों का धर्म होता है वे पूजा-पाठ करें
पूनिया ने कहा कि मौजूदा सरकार में बेरोजगारों किसानों और महिलाओं की कोई सुनने वाला नहीं है। सम्मेलन में बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीदकिसान कर्ज माफीबारिश में फसल खराबे की गिरदावरी करवाकर भुगतान करने खाद-बीज की उपलब्धता बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी की मांग की गई।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Mon, 17 Oct 2022 08:41 PM (IST)
जयपुर , जागरण संवाददाता। राजस्थान में भाजपा ने सोमवार को सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ में किसान सम्मेलन कर 2023 में सरकार बदलने का संकल्प लिया। सम्मेलन में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के 80 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे दे रखे हें। इस्तीफा देने वालों का धर्म होता है कि वे पूजा-पाठ करें।
लेकिन गहलोत सरकार के मंत्री और विधायक इस्तीफा देकर सरकारी बंगले एवं गाड़ी का उपयोग कर रहे हैं। रोटी भी सरकारी खा रहे हैं। इसलिए या तो कांग्रेस पाखंड है या विधायकों के इस्तीफे पाखंड है। अगर सच्चाई है, तो अध्यक्ष को उन इस्तीफों को स्वीकार करना चाहिए।
सरकार में बेरोजगारों, किसानों और महिलाओं की कोई सुनने वाला नहीं: पूनिया
पूनिया ने कहा कि मौजूदा सरकार में बेरोजगारों, किसानों और महिलाओं की कोई सुनने वाला नहीं है। सम्मेलन में बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद,किसान कर्ज माफी,बारिश में फसल खराबे की गिरदावरी करवाकर भुगतान करने, खाद-बीज की उपलब्धता, बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी की मांग की गई। सम्मेलन में सांसद सुमेधानंद सरस्वती,राहुल कस्वा,विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ सहित एक नेताओं ने संबोधित किया।पूनिया ने किसान सम्मेलन का एक पोस्टर इंटरनेट मीडिया पर ट्वीट किया । जिसकी खासी चर्चाएं हैं। इसमें पूनिया के साथ पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया की भी फोटो है। पूनिया ने पहली बार वसुंधरा की फोटो खुद के साथ शेयर की है। दोनों एक-दृसरे के विरोधी माने जाते हैं।
संविदाकर्मियों को नियमित करने की मांग
राजस्थान में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर साल,2018 के कांग्रेस के जन घोषणा पत्र वादे से मुकरने का आरोप लगाया है। पूनिया ने कहा कि कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन अब गहलोत सरकार अपने वादे से मुकर रही है। संविदाकर्मियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। पूनिया ने कहा कि प्रदेश में करीब 70 लाख अभ्यर्थियों ने अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाएं दी है।
लेकिन अब तक चार साल में एक लाख युवाओं को ही सरकार रोजगार दे सकी है। उन्होंने कहा कि संविदाकर्मियों को नियमित किया जाना चाहिए। सरकार के चार साल के कार्यकाल में मंत्रिमंडल की उप समिति बनी,लेकिन कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार वर्तमान में आंगनबाड़ियों में एक लाख 60 हजार,होमगार्ड विभाग में 32 हजार,पंचायत सहायक 26 हजार,प्रेरक 14 हजार,स्वास्थ्य विभाग में कंप्यूटरकर्मी,सफाईकर्मी और नर्सिंगकर्मी दस हजार पैरा शिक्षक साढ़े चार हजार,लोक जुंबिशकर्मी एक हजार एवं शिक्षाकर्मी साढ़े दस हजार संविदा पर कार्यरत हैं।
यह भी पढ़ें- राजस्थान के छह जिलों में भूकंप के झटके, केंद्र पाकिस्तान की सीमा के बिल्कुल नजदीक जमीन के नीचेयह भी पढ़ें- Rajasthan: नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के मौसा ने की आत्महत्या, वीडियो संदेश जारी कर कहा- नहीं देखी जा रही लड़की की हालत, मिले न्याय
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।