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    Rajasthan: सीमा पार से आए कबूतर को बीएसएफ ने पकड़ा, पंजों में लगे मिले टैग; पुलिस कर रही पड़ताल

    Rajasthan जैसलमेर में पाकिस्तान से आए एक कबूतर को सीमा सुरक्षा बल ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया है। पकड़े गए कबूतर के पैरों में टैग लगा है। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने दोनों पैरों में नाम और नंबर लिखे टैग देखकर कबूतर को नाचना पुलिस को सौंपा है।

    By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Thu, 24 Feb 2022 05:01 PM (IST)
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    सीमा पार से आए कबूतर को बीएसएफ ने पकड़ा, पंजों में लगे मिले टैग; पुलिस कर रही पड़ताल। फाइल फोटो

    जोधपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में जोधपुर संभाग के सीमावर्ती जिले जैसलमेर में पाकिस्तान से आए एक कबूतर को सीमा सुरक्षा बल ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया है। पकड़े गए कबूतर के पैरों में टैग लगा है। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने दोनों पैरों में नाम और नंबर लिखे टैग देखकर कबूतर को नाचना पुलिस को सौंपा है। कबूतर के दाएं पंजे पर लगे टैग पर अंग्रेजी में जीशान 794 लिखा है और नीचे 03009007757 नंबर लिखा हुआ है। कबूतर के दूसरे पंजे पर 6971 नंबर लिखे हैं। नाचना थानाधिकारी रमेश ढाका ने बताया कि बार्डर से लगते भारेवाला इलके में स्थित बीएसएफ की कस्तुरी तलाई चौकी के पास बुधवार को सीमा पार पाकिस्तान से एक कबूतर आया।

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    पुलिस ने कबूतर को वन विभाग को सौंपा

    कबूतर की जांच करने पर उसके पैरों पर टैग लगे हुए देखे। कबूतर के दाएं पंजे पर लगे टैग पर अंग्रेजी में जीशान 794 लिखा है और नीचे 03009007757 नंबर लिखा हुआ है। कबूतर के दूसरे पंजे पर 6971 नंबर लिखे हैं। अब पुलिस कबूतर और उसके पंजों में लगे टैग के आधार पर उसकी जांच-पड़ताल कर रही है। बीएसएफ ने कबूतर को नाचना थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिया। अब पुलिस इन टैग और उस पर लिखे नाम नंबरों कि जांच में लग गई है। फिलहाल, पुलिस ने वन विभाग को कबूतर को सौंप दिया है, ताकि वे उसकी उचित देखभाल कर सके। इस मामले में जांच-पड़तात के बाद ही कोई खुलासा होने की संभावना है। गौरतलब है कि इससे पहले बीकानेर पुलिस ने जिले के मोतीगढ़ गांव से पाकिस्तान से आए एक कबूतर को पकड़ा था। इस कबूतर के पंखों पर उर्दू में संदेश और पैर में छल्ले बंधे हुए थे। पुलिस के साथ ही गुप्तचर एजेंसी ने इस कबूतर की जांच की। इससे पहले भी कई बार सीमा पार से आए कबूतर पकड़े जा चुके हैं। सुरक्षा कारणों की वजह से सीमा पार से आए कबूतरों की जांच की जाती है।