राजस्थान में कैबिनेट मंत्री ने उठाए मुख्यमंत्री के फैसले पर सवाल, पत्र लिखकर रखी ये मांग
लोकसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले ही राजस्थान की भाजपा सरकार में एक कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के फैसले को लेकर आपत्ति जताई है। मीणा ने राजधानी जयपुर के पॉश इलाके गांधी नगर में सरकारी आवासों को तोड़कर बनाई जा रही 19 मंजिला इमारत में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। मीणा ने कहा कि इस परियोजना को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। लोकसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले ही राजस्थान की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के फैसले को लेकर आपत्ति जताई है। मीणा ने राजधानी जयपुर के पॉश इलाके गांधी नगर में सरकारी आवासों को तोड़कर बनाई जा रही 19 मंजिला इमारत में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
मीणा ने कहा, "इस परियोजना को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। मंत्रिमंडल की बैठक में इस परियोजना की मंजूरी नहीं ली गई। जल्दबाजी में सीएम शर्मा की मंजूरी के बाद इस परियोजना पर काम शुरू हो रहा है। परियोजना पर फैसला करने से पहले मंत्रिमंडल के संज्ञान में लाया जाना चाहिए था।" मीणा ने सीएम को पत्र लिखकर इस परियोजना पर पुनर्विचार करने की बात कही है। मीणा ने कहा, "इसमें 1146 करोड़ रुपए की हेराफेरी हो रही है। हालांकि, मीणा ने यह नहीं बताया कि 1146 करोड़ रुपए की हेराफेरी किस तरह से हुई है।
मीणा ने यह सवाल उठाया
मीणा ने पत्र में कहा, "गांधी नगर में सरकारी आवास बहुत जर्जर है। यह सही है कि वहां नवीनीकरण होना चाहिए, इसलिए तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने इस काम के लिए 277 करोड़ रुपए तय किए थे। लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना को रोक दिया। आश्चर्य इस बात को लेकर है कि सीएम शर्मा ने इस परियोजना को मंजूरी दी तो करीब पांच साल बाद तय कीमत बढ़ने के स्थान पर घटकर 218 करोड़ कैसे हो गई।"
मीणा ने कहा कि गांधी नगर वीआईपी इलाका है। यहां उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, अधिकारियों के साथ ही पैरालंपिक खिलाड़ी रहते हैं। यहां जमीन की बाजार दर 25 हजार रुपए प्रति वर्गफुट है, जबकि सरकार ने कागजों में दर आठ हजार रुपए प्रतिवर्ग फुट दिखाई है। यहां कुल 17 हजार वर्गफुट जमीन है। फैसले से सरकार को 1146 करोड़ रुपए का नुकसान होने जा रहा है।
मीणा ने कहा, "इस परियोजना में पर्दे के पीछे कुछ अधिकारी और निजी पार्टनर हैं। मीणा ने कहा कि इस परियोजना में 25 बड़े फ्लैट्स और दो टावर निजी क्षेत्र को दिए जाने की योजना गत है। मीणा ने सीएम से इस मामले की जांच करवाने की मांग की है। मीणा ने कहा कि गांधी नगर स्थित पुराने एमआरसी कैंपस और सरकारी आवास के पुर्नविकास योजना के पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मॉडल) पर बहुमंजिला इमारत बनाने में हेराफेरी होने की आशंका जताई है।
उन्होंने कुछ अफसरों पर रियल स्टेट डेवलपमेंट एंड कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन ऑफ राजस्थान लिमिटेड (आरईडीसीसी) से मिलीभगत कर के काली कमाई करने के प्रयास का आरोप लगाया है। इस परियोजना में छह टावर बनाए जाएंगे, जिनमें से दो निजी क्षेत्र को दिए जाएंगे। परियोजना तैयार करते समय पर्यावरण संतुलन का ध्यान नहीं रखा गया। परियोजना का सही रोडमैप नहीं है।
इस्तीफे की बात कर चुके हैं मीणा
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह मीणा ने एक बयान में कहा था कि यदि दौसा सहित सात लोकसभा सीटों में भाजपा प्रत्याशियों की हार होती है तो वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।