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राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के तीन पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज, IPL मैच के दौरान हुए घोटालों का है मामला

RCA Scam Case राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की एडहाक कमेटी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत की अध्यक्षता वाली पूर्व कार्यकारिणी के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ जयपुर के ज्योति नगर थाने में मामला दर्ज कराया है। वैभव गहलोत को लेकर जांच लंबित रखी गई है। कमेटी ने 363 पेज की जांच रिपोर्ट भी पुलिस को सौंपी है।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 08 Aug 2024 08:45 PM (IST)
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कमेटी ने 363 पेज की जांच रिपोर्ट भी पुलिस को सौंपी है।

जागरण संवाददाता, जयपुर। स्टेडियम निर्माण से लेकर आईपीएल मैच के दौरान हुए घोटालों के मामले में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की एडहाक कमेटी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत की अध्यक्षता वाली पूर्व कार्यकारिणी के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ जयपुर के ज्योति नगर थाने में मामला दर्ज कराया है। इनमें पूर्व सचिव भवानी सामोता, पूर्व कोषाध्यक्ष रामपाल शर्मा और पूर्व संयुक्त सचिव राजेश भड़ाना शामिल हैं।

कमेटी ने पुलिस को सौंपी 363 पन्नों की जांच रिपोर्ट

वैभव गहलोत को लेकर जांच लंबित रखी गई है। कमेटी ने 363 पेज की जांच रिपोर्ट भी पुलिस को सौंपी है। इसमें घोटालों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। कमेटी के अध्यक्ष भाजपा विधायक जयदीप बिहानी ने बताया कि सामोता, शर्मा व भड़ाना ने सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे।

तीनों के खिलाफ पुख्ता सुबूत हैं। अब पुलिस को यह पता लगाना होगा कि आखिरकार उन्होंने किस के कहने से घोटाले किए। उन्होंने कहा कि हमने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आग्रह किया है।

क्या है पूरा मामला?

उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में जयपुर में चौंप स्टेडियम के निर्माण के लिए जमीन आवंटित हुई थी। निर्माण कार्य भी शुरू हुआ था, लेकिन बाद में बंद हो गया। सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने इन मामलों की जांच के लिए एडहाक कमेटी गठित की थी।

कमेटी के अध्यक्ष बिहानी ने बुधवार को कहा था कि जांच में यह सामने आया है कि आरसीए की पूर्व कार्यकारिणी ने इसमें करोड़ों रुपये का गबन किया है।

छत्तीसगढ़ की जिस कंपनी को स्टेडियम बनाने का काम दिया गया, उसे इसका अनुभव ही नहीं था। कंपनी सड़क बनाने का काम करती है। स्टेडियम निर्माण की अनुमानित लागत 300 करोड़ रुपये थी, लेकिन चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए लागत बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दी गई। कई तरह के भुगतान में भी गड़बड़ी मिली है।

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