जल जीवन घोटाला मामले में सीबीआई ने की प्राथमिकी दर्ज, जयपुर में रहने वाले ठेकेदारों द्वारा जारी फर्जी प्रणाणपत्र का हुआ इस्तेमाल
सीबीआई ने श्याम ट्यूबवेल कंपनी और गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक जैन व मित्तल के साथ ही जलदाय विभाग के कार्यकारी अभियंता विशाल सक्सेना के खिलाफ कथित धोखाधड़ीआपराधिक साज़िश रचने और जालसाज़ी सहित विभिन्न आरोप में मामला दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार जैन और मित्तल ने फर्जी प्रमाण पत्र जलदाय विभाग में पेश किए थे इस बात का खुलासा जांच में हुआ था।
जागरण संवाददाता,जयपुर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राजस्थान में केंद्र द्वारा वित्त पोषित जल जीवन मिशन योजना में हुए कथित घोटाले के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है। इस मामले में जयपुर में रहने वाले ठेकेदारों पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने प्रदेश के जलदाय विभाग (पीएचईडी) से निविदाएं हासिल करने के लिए कथित तौर पर इण्डियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा जारी फर्जी प्रणाणपत्र का इस्तेमाल किया था।
सीबीआई ने श्याम ट्यूबवेल कंपनी और गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक जैन व मित्तल के साथ ही जलदाय विभाग के कार्यकारी अभियंता विशाल सक्सेना के खिलाफ कथित धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश रचने और जालसाजी सहित विभिन्न आरोप में मामला दर्ज किया है।
ईडी ने तत्कालीन जलदाय मंत्री से भी पूछताछ की
जानकारी के अनुसार जैन और मित्तल ने फर्जी प्रमाण पत्र जलदाय विभाग में पेश किए थे इस बात का खुलासा जांच में हुआ था। आरोप है कि सक्सेना ने जानकारी होते हुए भी फर्जी प्रमाणपत्रों को सत्यापित किया था। उल्लेखनीय है कि इस मामले में जैन, मित्तल के साथ ही जलदाय विभाग के तीन अधिकारियों को राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गिरफ़्तार किया था। इस मामले में ईडी ने प्रदेश के तत्कालीन जलदाय मंत्री महेश जोशी से भी पूछताछ की थी।यह भी पढ़ें- राजस्थान के शाहपुरा जिले में एक बैल को बचाने के लिए कुएं में उतरे तीन लोग, जहरीली गैस की चपेट में आने से सभी की मौत
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