राजस्थान में दलितों पर लगातार बढ़ रहे अत्याचार, इस साल अब तक 6000 से ज्यादा मामले दर्ज हुए
भाजपा ने गहलोत सरकार को घेरा केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा राहुल कुछ कहने की हिम्मत दिखाएं ब्यूरो ने पिछले दिनों आंकडे़ जारी किए तो सामने आया कि साल 2019 में जहां 6794 मामले दलितों पर अत्याचार के दर्ज हुएवहीं 2020 में 7017 मामले दर्ज हुए।
By Priti JhaEdited By: Updated: Sun, 10 Oct 2021 09:58 AM (IST)
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में दलितों पर अत्याचार के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है । नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार दलितों पर अत्याचार के मामले में राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर है। इस साल अब तक दलितों पर अत्याचार के 6 हजार से अधिक मामले पुलिस थानों में दर्ज हो चुके हैं। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से आधे मामलों में ही आरोपितों को अब तक सजा मिल सकी है।
ब्यूरो ने पिछले दिनों आंकडे़ जारी किए तो सामने आया कि साल, 2019 में जहां 6,794 मामले दलितों पर अत्याचार के दर्ज हुए,वहीं 2020 में 7017 मामले दर्ज हुए। इस साल 24 दिन में ही 3 दलित युवकों की पीट पीट कर की गई हत्या ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ताजा मामला हनुमानगढ़ जिले के प्रेमपुरा का है। मृतक युवक के स्वजनों ने आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने तक शव लेने से इंकार कर दिया है। मृतक के परिजनों ने स्थानीय अस्पताल के बाहर धरना भी जारी रखा है।
हालांकि प्रशासन समझाइश में जुटा है। भाजपा ने इस मामले में अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया,राज्य विधानसभा में विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य नेताओं ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि सीएम गहलोत गृह विभाग संभाल नहीं पा रहे हैं। गृह विभाग में पूर्णकालिक मंत्री होना चाहिए ।
पूनिया ने कहा, अपराध के मामले में गहलोत सरकार ने पिछले समस्त रिकॉर्ड तोड़ दिए । यह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी के लिए सबक है जो दूसरे प्रदेशों में राजनीतिक पर्यटन करते हैं। राजस्थान में दलितों की सुध लेने के लिए उन्हे आना चाहिए। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा,राहुल गांधी लखीमपुर खीरी की चिंता न करें । वहां योग आदित्यनाथ का शासन है। राहुल गांधी दलित युवक की हत्या पर कुछ कहने की हिम्मत दिखाएं,ताकि जनता को मालूम हो कि आप कितने सच्चे हैं ।
दलित युवक को पानी पिला-पिलाकर माराताजा मामला हनुमानगढ़ जिले के प्रेमपुरा का है। यहां बृहस्पतिवार को प्रेम प्रसंग के चलते एक दलित युवक की हत्या कर दी गई। जानकारी के अनुसार दलित युवक जगदीश मेघवाल का गांव की एक महिला के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। महिला के स्वजनों को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने आपत्ति की। बृहस्पतिवार सुबह जगदीश सूरतगढ़ जाने की कह कर घर से निकला था ।उसके स्वजन खेत में चले गए। इसी बीच जगदीश को रास्ते में रोक कर महिला के चार स्वजनों ने मारपीट करना शुरू कर दिया। लाठियोें से उसके साथ मारपीट की गई । मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को बताया कि करीब आधा दर्जन लोगों ने बेरहमी से जगदीश को मारा । मारपीट के दौरान उसे बार-बार पानी पिलाया गया। मारपीट से जगदीश की मौत हो गई।
पुलिस उप अधीक्षक रणवीर सिंह ने बताया कि मृतक युवक के पिता बनवारी लाल द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार विनोद, मुकेश, लालचंद, सिकंदर, रमेश, मेहर सिंह ने जगदीश के साथ मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई। जगदीश के परिजनों के अनुसार हत्या करने के बाद शव उसके घर के बाहर फेंक कर गए थे । पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है, शेष फरार आरोपितों की तलाश में जुटी है।पिछले दिनों 26 सितंबर को अलवर जिले के दलित युवक संपत बैरवा की गांव के ही दो लोगों ने खेत में ले जाकर हत्या कर दी थी। इससे पहले 15 सितंबर को अलवर के ही बड़ौदा मेव गांव में दलित युवक योश जाटव की हत्या कर दी गई थी। योगेश की बाइक से चार महिलाओं के टक्कर लगने के बाद समुदाय विशेष के लोगों ने पीट पीट कर उसकी हत्या कर दी थी।
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