Corona in Rajasthan: उदयपुर में छिपाए जा रहे हैं कोरोना से मृतकों के आंकड़े!
चिकित्सा विभाग के अनुसार डेढ़ महीने में कोरोना से मृतकों की संख्या 416 श्मशानों में हुई 737 कोरोना मृतकों की अंत्येष्टि कोरोना महामारी के कोविड से मृतकों के आंकड़े छिपाए जा रहे है। इन पैंतालीस दिवसों में कोरोना से मृत लोगों की संख्या 737 होनी चाहिए थी।
उदयपुर, संवाद सूत्र। कोरोना महामारी के कोविड से मृतकों के आंकड़े छिपाए जा रहे है। चिकित्सा विभाग के आंकड़े बताते हैं कि डेढ़ महीनों के दौरान उदयपुर शहर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 416 है, जबकि श्मशानों में कोरोना मृतकों की अंत्येष्टि से पहले भरवाए जा रहे संकल्प पत्रों की संख्या कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। दोनों के आंकड़ों में भारी अंतर है। डेढ़ महीने (एक अप्रेल से 15 मई)के दौरान 737 संकल्प पत्र भरे गए। जो वास्तविक आंकड़ों से लगभग 77 फीसदी अधिक हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक अप्रेल 2021 से शनिवार 15 मई तक इन 45 दिवसों में कोरोना महामारी से मृत लोगों की कुल संख्या 416 बताई गई है, जबकि संभाग के सबसे बड़े महाराणा भूपाल अस्पताल के मुर्दाघर तथा शहर के विभिन्न श्मशानों के आंकड़ें अलग ही कहानी बयां करते नजर आ रहे हैं। शहर के जिन श्मशानों में जहां कोरोना से मृत शवों की अंत्येष्टि कोविड एडवाइजरी के अनुसार की जाती है, उनके अनुसार इन पैंतालीस दिवसों में कोरोना से मृत लोगों की संख्या 737 होनी चाहिए थी। इस तरह दोनों ही आंकड़ों में बड़ा अंतर है। जिनके मुताबिक 311 मृतक जिनकी अंत्येष्टी कोरोना एडवाइजरी के अनुसार की गई, उनका रिकार्ड या तो चिकित्सा विभाग के पास नहीं है या असल आंकड़े छिपाए जा रहे हैं।
चिकित्सा विभाग के अनुसार पिछले 45 दिनों में कोरोना से मरने वालों की संख्या 19 से कभी कम नहीं रही, जबकि कोरोना से सबसे अधिक मौत 27 अप्रेल को हुई और उस दिन 37 लोगों की मौत कोरोना महामारी की वजह से हुई। शुरूआती दिनों में कोरोना संक्रमित से मरने वालों की संख्या कम था लेकिन 11 अप्रेल से इसकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ने लगी। शुरूआती ग्यारह दिनों यानी एक अप्रेल से 11 अप्रेल तक कोरोना से मृतकों की संख्या 148 थी।
इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश खराड़ी कोरोना से मृतकों के आंकड़ों में अंतर को लेकर सफाई देते हुए बताया कि बाहर से आने वाले कोरोना मरीजों की मौत के आंकड़े उनकी सूची में नहीं हैं। इसी वजह से अंतर आ रहा है। जबकि उदयपुर के लोग जिनकी मौत कोरोना महामारी से दूसरे जिलों या राज्यों में हुई, उन्हें यहां भी नहीं गिना जा रहा। ऐसे में जो लोग बाहरी होने के बावजूद उदयपुर में कोरोना महामारी के चलते काल के ग्रास बन गए, उनकी गिनती कहीं भी नहीं हो पा रही।
मीडिया से जानकारी शेयर करने पर रोक
महाराणा भूपाल अस्पताल तथा शहर के जिन श्मशानों में कोविड से मृत रोगियों की अंत्येष्टि की गई, वहां मीडिया को किसी तरह की जानकारी सुलभ कराने पर मौखिक रूप से रोक लगा रखी है। हालांकि श्मशानों पर कोरोना से मृत शव को नगर निगम की ओर से निशुल्क लकड़ी उपलब्ध कराए जाने के आंकड़ों से इसका खुलासा हो पाया है कि उनकी वास्तविक संख्या चिकित्सा विभाग के बताए जा रहे आंकड़ों से कहीं अधिक है। निशुल्क लकड़ी उसी दौरान उपलब्ध कराई जाती है जब उन्हें यह संकल्प पत्र भरकर देना होता है कि जिस शव की वह अंत्येष्टि वह करने लाए हैं, उसकी मौत कोरोना की वजह से हुई।