Locust Attack: टिड्डी दल के हमले में फसल चौपट होने से एक और किसान की मौत
Locust Attack उजड़े हुए खेत को देख कर किसान निम्बाराम को सदमा लग गया और तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे अस्पताल ले कर गए लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Wed, 29 Jan 2020 03:05 PM (IST)
जयपुर, जेएनएन। Locust Attack: राजस्थान के पश्चिमी जिलों में पाकिस्तान से आ रही टिड्डियों अब किसानों के लिए जानलेवा भी साबित हो रही हैं। फसलों का नुकसान किसानों को जानलेवा सदमा दे रहा है। सीमावर्ती जिले बाड़मेर के गुढामलानी के एक किसान निम्बाराम ऐसे ही सदमे से अपनी जान गंवा बैठा। बताया जा रहा है कि किसान ने तीन लाख रुपये का कर्ज ले रखा था, लेकिन टिड्डी हमले में उसकी पूरी फसल चौपट हो गई।
दरअसल, दो दिन पहले गुढामालानी क्षेत्र के भीमगढ़ पीपराली गांव में टिड्डियों का हमला हुआ था। यहां एक किसान निम्बाराम ने 35 बीघा जमीन में फसलें बोई हुई थी। किसान के परिवार ने टिड्डियों को भगाने के लिए अपने घर के बर्तनों और डिब्बों का प्रयोग किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए। इस दौरान उजड़े हुए खेत को देख कर किसान निम्बाराम को सदमा लग गया और तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे अस्पताल ले कर गए, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि पाकिस्तान से लगातार टिड्डियों का हमला जारी है, जिससे रबी की बुवाई कर चुके किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कुछ दिन पहले बालोतरा क्षेत्र किटनोद गांव के टिड्डी हमले के सदमे से भगाराम नाम के किसान की मौत हो चुकी है।
अब मारवाड़ में घुसीं टिड्डियां जोधपुर संभाग के जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, पाली सहित प्रदेश के कई जिले टिड्डी प्रभावित हैं। पाकिस्तान से सटी सीमाओं के जिलों में इन दिनों टिड्डियों ने कहर बरपाया है। इधर, जोधपुर के ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में टिड्डियों के आने से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। टिड्डियों ने मारवाड़ कहे जाने वाले पाली और जोधपुर के ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर लिया है। जिले के अलग-अलग हिस्सों में टिड्डी दल मंडराते नजर आ रहे हैं। इनसे मुकाबला करने के लिए संबंधित क्षेत्रों के किसान, प्रशासन भी पूरी तरह से जुटे हुए हैं।सरकार से लेकर किसानों की कई कोशिश करने के बाद भी टिड्डियां काल बनकर फसलों पर मंडरा रही हैं। सभी जिलों में टिड्डी दलों से किसानों को निजात नहीं मिल पा रही है।
ग्रामीण रात से सुबह तक ढोल-थाली आदि बजाकर टिड्डियों को भगाने का जतन कर रहे हैं। जोधपुर जिले के सीमावर्ती बाप उपखंड के कई गांवों में एक बार फिर बड़ा टिड्डी दल पहुंचा है। बाड़मेर के रास्ते धुंधाड़ा की तरफ से भी टिड्डी दल ने जिले में प्रवेश किया है। बाड़मेर जिले के बालोतरा कस्बे समेत सैकड़ों गांवों में तबाही मचाई है। जालोर से सिवाना के रास्ते टिड्डियों ने फिर से बाड़मेर में प्रवेश किया। अब बायतु तक पहुंच गई हैं। टिड्डियों से करोड़ों की रबी फसलों को नुकसान हुआ है। निकटवर्ती जिले पाली के भी गांवों डरी भांवरी, गोदावास, सुमेरपुर क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारी और किसान टिड्डियों को उड़ाने के लिए परिवार सहित थाली व कनस्तर बजाकर खेतों में दौड़ रहे हैं।
जैसलमेर जिले के मूलसागर से भू, भोपा, पीथोड़ाई और नहरी इलाकों के साथ डाबला, आशायच और उससे लगते क्षेत्रों में टिड्डियों ने खेतों में फसलों को चट कर दिया।जिले के प्रत्येक क्षेत्र में चाहे सिंचित भूमि हो या नहरी क्षेत्र, सभी तरफ टिड्डी दल किसानों के जी का जंजाल बने हुए हैं। वहीं प्रशासन खड़ी फसलों पर छिडक़ाव करने से बच रहा है और टिड्डी दल खाली जमीन पर बैठ नहीं रहे है। खेतों में जीरा, इसबगोल, सरसों व गेहूं की खड़ी फसल के ऊपर से टिड्डियों ने पत्तियों को चट कर दिया है।
प्रशासन व ग्रामीणों की मदद से टिड्डियों को नष्ट करने के लिए फायर बिग्रेड सहित अन्य वाहनों से दवाई का छिड़काव किया जा रहा है। लेकिन फिर भी टिड्डी दल कई गांवों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा चुके हैं। टिड्डी दल से प्रभावित किसान फसलों को बचाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सफल नहीं हो रहे हैं। कृषि अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी खेतों की तरफ रुख किया है, लेकिन समस्या विकराल बनी हुई है।
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