Pushkar Fair 2022: पुष्कर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, पवित्र सरोवर में लगाई डुबकी
Pushkar Fair 2022 पुष्कर मेला क्षेत्र में मंगलवार को बाजारों घाटों मंदिरों में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। पवित्र सरोवर में कार्तिक मास की पूर्णिमा का महास्नान अलसुबह ही शुरू हो गया। वहीं चंद्रग्रहण का शुद्धि स्नान शाम को किया गया।
By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Tue, 08 Nov 2022 07:53 PM (IST)
अजमेर, संवाद सूत्र। Rajasthan News: राजस्थान के पुष्कर मेला क्षेत्र में मंगलवार को बाजारों, घाटों, मंदिरों में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। पवित्र सरोवर में कार्तिक मास की पूर्णिमा का महास्नान अलसुबह ही शुरू हो गया। वहीं चंद्रग्रहण का शुद्धि स्नान शाम को किया गया। लाखों लोगों ने पुष्कर पहुंच कर सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई और चंद्रग्रहण पश्चात पट खुलने पर जगतपिता ब्रह्मा मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की।
पुष्कर मेले का हुआ समापन
गत पांच दिनों से चल रहा कार्तिक पंचतीर्थ स्नान (पुष्कर धार्मिक मेला) संपन्न हो गया। जिला प्रशासन की ओर से मेले में आयोजित विभिन्न विकास प्रदर्शनी और प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पारितोषिक वितरण के साथ मेले का औपचारिक समापन कर दिया गया। महास्नान के लिए श्रद्धालु सोमवार की दोपहर बाद से ही आने शुरू हो गए। देर शाम तक हजारों धर्मप्रेमी बंधु पुष्कर पहुंच गए तथा इनके आने का सिलसिला लगातार बना रहा।
स्नान को लेकर बनी रही असंमजस की स्थिति
ग्रहण का सूतक सुबह 5.53 बजे शुरू हुआ तथा शाम 6.19 बजे ग्रहण का शुद्धिकरण हुआ। शास्त्रों में सूतक से ग्रहण के शुद्ध होने तक सभी धार्मिक कार्य व देव दर्शन निषेध माने जाने के कारण ऐसे में ग्रहण के सूतक काल में सरोवर में स्नान को लेकर असमंजस रहा। लोगों ने महास्नान सुबह ग्रहण का सूतक लगने से पहले व शाम को ग्रहण के शुद्धि स्नान के साथ ही महास्नान किया । दिन में चंद्रग्रहण के चलते महास्नान को लेकर श्रद्धालुओं में असमंजस की स्थिति बनी रही।बंद रहे मंदिरों के पट
चंद्रग्रहण के कारण मंगलवार को दिनभर ब्रह्मा मंदिर, सावित्री मंदिर, रमा वैकुंठ मंदिर समेत सभी मंदिरों के पट बंद रहे। ग्रहणकाल के दौरान सरोवर में स्नान की कोई पाबंदी नहीं रही, लेकिन तीर्थ पुरोहितों ने श्रद्धालुओं को न तो पूजा कराई और ना हीं किसी प्रकार का दान लिया।
मोहित चौहान नहीं जीत पाए लोगों का दिल
पुष्कर मेले में बालीवुड गायक मोहित चौहान दर्शकों का दिल जीत नहीं पाए और लोगों को निराश होना पड़ा। एक भी गाना ऐसा नहीं गा पाए, जिससे वहां मौजूद दर्शक झूम सके या तालियां बजा सकें लाखों रुपये देने के बावजूद भी मोहित चौहान पुष्कर के लोगों में अपनी छाप नहीं छोड़ पाए।ऐसे हुआ ब्रह्माजी का श्रृंगार
कार्तिक मास की पवित्र ब्रह्म चतुर्दशी के उपलक्ष्य में जगत पिता ब्रह्मा का पहली बार ड्राई फ्रूट से श्रृंगार किया गया। तथा पूरे मंदिर परिसर को देश-विदेश से मंगवायें गए 21 हजार किलों रंग-बिरंगे फूल-मालाओं से सजाया गया। ब्रह्म चतुर्दशी के उपलक्ष्य में सुबह पुजारी लक्ष्मीनिवास व कृष्णगोपाल वशिष्ठ के आचार्यत्व में ब्रह्मा मंदिर में ब्रह्मा का वैदिक मंत्रोचारण के बीच अभिषेक किया गया। सुबह मंगला आरती के दर्शन साथ ही मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
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