धारीवाल ने कहा- गहलोत को हटाने के षडयंत्र में शामिल थे माकन, भाजपा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की
गहलोत के विश्वस्त और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सोमवार देर रात जयपुर स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि गहलोत को सीएम पद से हटाने का षडयंत्र थाजिसमें राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन शामिल थे।
By JagranEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 26 Sep 2022 11:01 PM (IST)
जागरण संवाददाता,जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गहलोत के विश्वस्त और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सोमवार देर रात जयपुर स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि गहलोत को सीएम पद से हटाने का षडयंत्र था,जिसमें राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन शामिल थे।
माकन दिल्ली से लाए थे पायलट को सीएम बनाने का एजेंडा
उन्होंने कहा कि माकन दिल्ली से सचिन पायलट को सीएम बनाने का एजेंडा लेकर आए थे। जिसके हमारे पास सबूत हैं। उन्होंने कहा कि माकन का एजेंडा पायलट को सीएम बनाना था, इसलिए विधायक नाराज हो गए। विधायक दल की बैठक भी जल्दबाजी में बुलाई गई थी। उन्होंने माकन पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आलाकमान 102 विधायकों में से किसी को भी सीएम बना सकता है।
भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने वाले नहीं होंगे स्वीकार
धारीवाल ने कहा कि दो साल पहले भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश की वे स्वीकार नहीं होंगे। उन्होंने गद्दारी की थी ।धारीवाल ने आगे कहा कि रविवार को विधायक दल की बैठक में इसलिए नहीं गए क्योंकि वहां की मंशा सही नहीं लग रही थी। गहलोत को हटाने के षडयंत्र का पता चला,इसलिए विधायक बैठक में नहीं गए और मेरे घर आए थे। उन्होंने कहा कि दूसरे पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे निष्पक्ष और ईमानदार आदमी है।
भाजपा ने राष्ट्रपति शासन की मांग की
राजस्थान कांग्रेस के सियासी संग्राम के बीच भाजपा ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया और उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने सोमवार को कहा कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है। ऐसे में सरकार को भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस के घटनाक्रम को मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई बताया।कांग्रेट टूटने पर लेंगे निर्णय
कटारिया ने कहा कि कांग्रेस विधायकों की खींचतान पर हम नजरें जमाए हुए हैं। कांग्रेस पूरी तरह टूटेगी तो हम भी अपना निर्णय करेंगे। उन्होंने कहा कि जब गहलोत समर्थक विधायकों ने अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिए हैं तो साफ हो गया कि सरकार अल्पमत में है।ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाना चाहिए।यह भी पढ़ें- भारत को 2047 तक विकसित और 'आत्मनिर्भर' बनाने का संकल्प लें : राष्ट्रपति मुर्मु
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