Move to Jagran APP

राजस्थान में 16 दिन बाद डॉक्टर्स हड़ताल खत्म, आठ मांगों पर हुआ समझौता

सरकार ने हमारी मांगें मान ली है। हम सरकार के ड्रॉफ्ट से संतुष्ट है। बुधवार सुबह 8 बजे से सभी प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। समझौते के पहले डॉक्टर्स ने महारैली निकाली। ( जागरण - फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 04 Apr 2023 09:11 PM (IST)
Hero Image
राइट टू हेल्थ (आरटीएच) बिल के विरोध को लेकर प्रदेश के निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स हड़ताल पर थे।
उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में पिछले 16 दिन से चली आ रही डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म हो गई। आठ मांगों पर डॉक्टर्स और सरकार के बीच समझौता होने के बाद बुधवार सुबह से निजी अस्पतालों में मरीजों का उपचार शुरू हो जाएगा।

सरकार ने मानी मांगें

राइट टू हेल्थ (आरटीएच) बिल के विरोध को लेकर प्रदेश के निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स हड़ताल पर थे। मंगलवार को मुख्य सचिव उषा शर्मा और हड़ताली डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल ने बैठक की थी। सेक्रेटरी प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसाइटी डॉ. विजय कपूर के मुताबिक सुबह 10.30 बजे डॉक्टरों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्य सचिव से वार्ता के लिए उनके निवास पर पहुंचा था।

सरकार ने हमारी मांगें मान ली है। हम सरकार के ड्रॉफ्ट से संतुष्ट है। बुधवार सुबह 8 बजे से सभी प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। समझौते के पहले डॉक्टर्स ने महारैली निकाली।

इन बिंदुओं पर हुआ समझौता

बताया गया कि राज्य सरकार और निजी डॉक्टर्स के बीच आठ बिन्दुओं पर समझौता हुआ उनमें 50 बिस्तरों से कम वाले निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों को आरटीएच से बाहर रखा गया है। इसी तरह ऐसे सभी निजी अस्पताला जिनकी स्थापना सरकार से बिना किसी सुविधा के हुई और रियायती दर पर बिल्डिंग को भी आरटीएच अधिनियम से बाहर रखा जाएगा। आरटीएच के दायरे में निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और पीपीपी मोड पर बने अस्पताल आएंगे।

अनुबंध की शर्तों के अनुसार

इसी तरह जिन सरकारी अस्पतालों ने मुफ्त या रियायती दरों पर जमीन ली उनके अनुबंध की शर्तों के अनुसार उन्हें भी आरटीएच में शामिल किया गया है। ऐसे अस्पताल जो ट्रस्टों द्वारा चलाए जा रहे हैं और उन्हें (भूमि और बिल्डिंग के रूप में सरकार द्वारा वित्तपोषित किया गया है, वह भी आरटीएच के दायरे में होंगे। आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए पुलिस केस और अन्य मामले वापस लिए जाने के अलावा नियमों में परिवर्तन किए के बजाने पर आईएमए के दो प्रतिनिधियों के परामर्श आवश्यक होगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।