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Rajasthan: चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थापित होगी फिंगरप्रिंट लैब, गहलोत ने 23 करोड़ 40 लाख रुपये की दी मंजूरी

प्रदेश के 4 चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थापित फिंगरप्रिंट लैब होगी।जयपुर जोधपुर कोटा एवं उदयपुर में लैब स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कुल 23 करोड़ 40 लाख रुपये की मंजूरी दी है जिसके तहत प्रत्येक प्रयोगशाला पर 5 करोड़ 85 लाख रुपये का व्यय किया जाएगा।

By Priti JhaEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2022 05:05 PM (IST)
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Rajasthan: चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थापित होगी फिंगरप्रिंट लैब, गहलोत ने 23 करोड़ 40 लाख रुपये की दी मंजूरी

जोधपुर, संवादसूत्र। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, कोटा एवं उदयपुर स्थित चिकित्सा महाविद्यालयों में फिंगरप्रिंट लैब की स्थापना हेतु 23 करोड़ 40 लाख रुपये (प्रत्येक के लिए 5.85 करोड़) की राशि को स्वीकृति दी है। गहलोत की इस स्वीकृति से राज्य में आपराधिक प्रकरणों के सटीक, प्रभावी तथा त्वरित अनुसंधान में सहायता मिलेगी तथा पीड़ितों को कम समय में न्याय मिल सकेगा।

अशोक गहलोत ने राज्य में लंबित गंभीर आपराधिक प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण हेतु चिकित्सा महाविद्यालयों में डीएनए फिंगरप्रिंट सुविधाओं का विस्तार करने की घोषणा की थी। उक्त राशि से महाविद्यालया में फिंगरप्रिंट लैब के निर्माण के लिए सिविल वर्क, लैब के संचालन हेतु विभिन्न उपकरण, फर्नीचर, कैमिकल एवं कन्ज्यूमेबल आइटम की खरीद तथा आवश्यक विभिन्न संवर्गों के पदों का सृजन किया जाएगा।

प्रदेश के 4 चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थापित फिंगरप्रिंट लैब होगी।जयपुर, जोधपुर, कोटा एवं उदयपुर में लैब स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कुल 23 करोड़ 40 लाख रुपये की मंजूरी दी है, जिसके तहत प्रत्येक प्रयोगशाला पर 5 करोड़ 85 लाख रुपये का व्यय किया जाएगा। इससे आपराधिक प्रकरणों के सटीक एवं त्वरित अनुसंधान में सहायता मिलेगी ।

मुख्यमंत्री ने जोधपुर में 73वें राज्यस्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया

अशोक गहलोत ने पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को आज की प्राथमिकता जरूरत बताते हुए इसके लिए हर स्तर पर भागीदारी निभाने के लिए आगे आने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को जोधपुर में पद्मश्री कैलाश सांखला स्मृति वन में वन विभाग की ओर से आयोजित 73वें राज्यस्तरीय वन महोत्सव में यह आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने पौधारोपण कर राज्यस्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया और स्मृति वन में 5 करोड़ की लागत से बनने वाले बोटेनिकल गार्डन एवं 2 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाली लव-कुश वाटिका निर्माण के कार्यों का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित हर्बल सामग्री और हस्तशिल्प उत्पादों का अवलोकन किया।राज्यस्तरीय वन महोत्सव के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इन समूहों की ओर से वनौषधियों, वनोपज, हर्बल उत्पादों के साथ ही हस्तशिल्प उत्पादों का अवलोकन किया।

इस दौरान जोधपुर, बाड़मेर, डूंगरपुर, जोधपुर, उदयपुर आदि जिलों की वन विभाग के अधीन संचालित ग्राम्य वन सुरक्षा एवं प्रबन्ध समितियों द्वारा हैैण्डीक्राफ्ट्स, रल्ली, हर्बल गुलाल, अगरबत्ती, शहद, ग्वारपाठा जैल, ज्यूस, शैम्पू आदि उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। इस दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी, प्रभारी मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग सहित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने भी स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों का अवलेाकन किया।

नवीन पर्यटन केंद्र लेगा मूर्त रूप

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इन गतिविधियों से प्रकृति की गोद में अवस्थित कैलाश श्रृंखला स्मृति वन देश-दुनिया में अपनी अनूठी पहचान कायम करेगा। पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा और जोधपुर के लिए नवीन पर्यटन स्थल विकसित होगा। यह सात-आठ माह में बनकर तैयार हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसके विकास में सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया गया है। विभिन्न संगठनों, संस्थाओं आदि के माध्यम से व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जाकर जन भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण रक्षा के क्षेत्र में मारवाड़ की अहम् भूमिका को रेखांकित करते हुए खेजड़ली में वृक्षों की रक्षा के लिए दिए गए बलिदान का स्मरण किया और कहा कि ये देश-दुनिया में पर्यावरण संरक्षण के लिए हुई असाधारण एवं ऐतिहासिक घटना है।

बदहाल सड़को के पुननिर्माण के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे : गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर की बदहाल सड़कों को लेकर शहरवासियों को आश्वस्त किया है कि सरकार इस बारे में जानकारी रखती है और शीघ्र ही इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जाएगा उन्होंने कहा कि बरसात में सड़कें टूटती ही हैं पानी और डाबर का आपस में बैर है। बरसात में सड़कें ठीक हो नहीं सकती ऐसे में जोधपुर को स्पेशल ग्रांट दिला कर सड़क मरम्मत का काम तेजी से पूरा किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि सड़कें खराब है बरसात में सड़कें खराब होना आम बात है निगम हो या जेडीए या कोई भी संस्था सड़क निर्माण के लिए संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी जोधपुर में भी इस बारे में विशेष ध्यान दिया जाएगा।

बता दें कि जोधपुर दौरे की शुरुआत में जोधपुर एयरपोर्ट पर आने के बाद एयरपोर्ट से ही हेलीकॉप्टर द्वारा मुख्यमंत्री लूणी के पाल गांव पहुंचे थे। जिसको लेकर सड़क खराब होने का जिक्र मीडिया संस्थानों ने किया था। यह बात लोगों की चर्चा का विषय भी बनी थी जिसकी जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री ने मंच से इस बात को साझा किया।आमजन को जोधपुर वासियों को टूटी सड़कों के शीघ्र मरम्मत के लिए आश्वस्त किया है। 

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