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संजीवनी मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत को क्लीन चिट, बोले- गहलोत ने पुत्र मोह में मुझे फंसाया

राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव मामले में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को क्लीन चिट दे दी है। शेखावत ने एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने एफआईआर के साथ-साथ जांच को भी रद करने की मांग की थी। अदालत के फैसले के बाद शेखावत ने कहा कि आज सच्चाई फिर से सामने आ गई है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 25 Sep 2024 07:57 PM (IST)
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केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (File Photo)

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के चर्चित संजीवनी क्रेडिट को-आपरेटिव सोसाइटी मामले में स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को उच्च न्यायालय ने बुधवार को दोषमुक्त करार दे दिया। रिपोर्ट में कहा गया कि शेखावत के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं।

न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि एसओजी ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना शेखावत के खिलाफ आगे की जांच नहीं कर सकती है। उधर, शेखावत ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुत्र मोह में आरोप लगाए थे, न्यायालय का फैसला उन पर तमाचा है।

शेखावत ने कहा कि आज राजस्थान हाईकोर्ट ने उस मामले को बंद कर दिया है और अदालत के आदेश के बिना आगे की जांच न करने का आदेश भी दिया है। अदालत के आदेश से साबित होता है कि मुझे फंसाने के लिए किस तरह की दुर्भावनापूर्ण कोशिश की गई।

बता दें कि संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने राजस्थान में 21 और गुजरात में 26 सहित कई राज्यों में अपनी शाखाएं खोली थीं, जिसमें करीब एक लाख 46 हजार 993 निवेशकों ने 963 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था।

सोसाइटी ने एजेंटों के माध्यम से निवेशकों के पैसों को गलत तरीके से लोन पर दिया था। 1100 करोड़ रुपये लोन पर दिए जाने की बात सामने आई थी। इसका मास्टरमाइंड विक्रम सिंह था। पिछली अशोक गहलोत सरकार ने माना कि विक्रम के शेखावत से निकटतम संबंध थे और उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज कराए थे।