Bikaneri Bhujia: 150 वर्ष पुराना है बीकानेर भुजिया का इतिहास, इस राजा के शासनकाल में किया गया था निर्माण
History of Bikaneri Bhujia आपको जनाकर हैरानी होगी लेकिन जिस भुजिया को आप इतने चाव से खाते है उसका इतिहास लगभग 150 वर्ष पुराना है। हर घर में पाई जाने वाली बीकानेरी भुजिया का ताल्लुक राजस्थान के बीकानेर शहर से है। आइये जान लेते है कैसे?
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। History of Bikaneri Bhujia: सर्दी में कड़क धूप में बैठकर चाय की चुसकी लेने के साथ-साथ बीकानेरी भुजिया खाने का अपना ही मजा है। ये वो नमकीन है जो हर घर में पाई जाती है। क्रिस्पी और टेस्टी बीकानेरी भुजिया देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद की जाने वाली नमकीन हैं।
आपको जनाकर हैरानी होगी लेकिन जिस भुजिया को आप इतने चाव से खाते है, उसका इतिहास लगभग 150 वर्ष पुराना है। हर घर में पाई जाने वाली बीकानेरी भुजिया का ताल्लुक राजस्थान के बीकानेर शहर से है। आइये जान लेते है कैसे?
बीकानेरी भुजिया का ताल्लुक बिकानेर से
बीकानेरी भुजिया का ताल्लुक राजस्थान के बीकानेर शहर से है। 150 वर्ष पहले यानी की वर्ष 1482 में बीकानेर की स्थापना राजा राव बीका ने की थी। बीकानेर के सबसे प्रसिद्ध राजा महाराजा डूंगर थे और वर्ष 1877 में उन्हीं के शासनकाल में बीकानेर भुजिया का निर्माण किया गया था। इस भुजिया का निर्माण लोगों के साथ-साथ भारत के लिए भी सही साबित हुई। क्योंकि इसका टेस्ट लोगों का काफी पसंद आने लगा था और धीरे-धीरे इसकी पसंद बीकानेर शहर से पूरे भारत में फैल गई।
विदेशों में भी निर्यात हो रहा बीकानेर भुजिया
बीकानेर भुजिया एक छोटी इंडस्ट्री का रूप ले चुकी है। ये देश के अलग-अलग शहरों से लेकर विदेशों में भी निर्यात किया जाता है। इसके प्रमुख विक्रेता हल्दीराम और बिकानो जैसे ब्रांड है। बीकानेर भुजिया हर दिन हजारों के टन में तैयार किया जाता है। इस भुजिया को कई लोग 'सेव' भी कहते हैं।
चाय के साथ इसकी जोड़ी काफी बेमिसाल जमती है। किसी भी खाने के साथ इसका स्वाद और भी दोगुना हो जाता है। जिस भुजिया को आप इतने चाव से खाते है, कभी सोचा था कि इसका इतिहास इतना पुराना और राजस्थान से ताल्लुक रखेगा? इस खबर को पढ़ते समय कई लोग बीकानेरी भुजिया के इस रोचक इतिहास को जानकर हैरान जो जरूर होने वाले है।