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Honour of Dead Body Bill 2023 : राजस्थान में डेड बॉडी लेकर प्रदर्शन करने पर होगी सजा, जानें क्या है प्रावधान?

भारतीय परंपरा में किसी भी पार्थिव शरीर का जब तक सम्‍मान के साथ अंतिम संस्‍कार न कर दिया जाए तब तक उसकी अंतिम यात्रा पूरी नहीं मानी जाती। इसलिए जब लोग शवों के साथ ऐसा बर्ताव करते हैं तो उसे उस पार्थ‍िव शरीर का अपमाना माना जाता है। इसी पर लगाम लगाने के लिए जुलाई के महीने में राजस्‍थान सरकार ने अपनी तरह का अनूठा विधेयक पारित किया था।

By Ashisha Singh RajputEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 09 Aug 2023 12:34 AM (IST)
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राजस्थान विधानसभा ने 20 जुलाई 2023 को राजस्थान मृत शरीर सम्मान विधेयक पारित किया।

नई दिल्ली, आशिषा सिंह राजपूत। Honor of Dead Body Bill 2023 : आपने कई ऐसी खबरें पढ़ी होंगी, जिसमें किसी दुर्घटना के बाद मृतक के परिवार वाले मृतक के शव के लेकर प्रदर्शन करने लग जाते हैं। कई बार लोग शव को सड़क या किसी सार्वजनिक स्थान पर रखकर प्रदर्शन करने लगते हैं तो कई मामलों में लोग अपनी मांगें पूरी न होने तक मृतक का अंतिम संस्‍कार करने से भी इनकार कर देते हैं।

किसी भी पार्थिव देह का जब तक सम्‍मान के साथ अंतिम संस्‍कार किया जाए उसकी अंतिम यात्रा पूरी नहीं मानी जाती। इसलिए जब लोग शवों के साथ ऐसा बर्ताव करते हैं तो उसे उस पार्थ‍िव शरीर का अपमाना माना जाता है। इसी पर लगाम लगाने के लिए जुलाई के महीने में राजस्‍थान सरकार ने अपनी तरह का अनूठा विधेयक पारित किया था।

सरकार का सख्त फैसला

मृत व्यक्तियों के रिश्तेदार सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर शवों के साथ बैठकर अक्सर मुआवजे या परिवार के सदस्यों के लिए सरकारी नौकरी जैसी अन्य मांग रखते हैं। अब राजस्थान सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए ऐसा करने पर बैन लगा दिया है। जी हां राजस्थान विधानसभा ने इसे लेकर एक विधेयक पारित किया है।

शवों के साथ बैठकर विरोध प्रदर्शन करना होगा अपराध

राजस्थान विधानसभा ने 20 जुलाई 2023 को राजस्थान मृत शरीर सम्मान विधेयक पारित किया। यह मृत व्यक्तियों के रिश्तेदारों द्वारा सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर शवों के साथ बैठकर विरोध प्रदर्शन करने पर रोक लगाता है। कानून में कहा गया है कि ऐसा करना एक अपराध होगा, जिसके तहत ऐसा करने वालों को पांच साल तक की कैद की सजा हो सकती है।

राजस्थान मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023

  • इस कानून का उद्देश्य शवों के साथ विरोध प्रदर्शन को दंडनीय अपराध बनाना है।
  • यह कानून मृतक के शरीर की गरिमा सुनिश्चित करता है।
  • इसके तहत जो कोई भी सड़क पर, पुलिस स्टेशनों के बाहर या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान पर शव के साथ विरोध प्रदर्शन करता पाया गया, उसे जुर्माने के साथ छह महीने से लेकर पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
  • कानून यह भी सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक मृत व्यक्ति का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार का हो।
  • कार्यकारी मजिस्ट्रेट या स्थानीय पुलिस अधिकारी के आदेश के बावजूद परिवार ऐसा करने से इनकार करता है, तो अंतिम संस्कार सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा।
  • इसके अलावा, राजस्थान मृत शरीर सम्मान विधेयक, 2023 में लावारिस शवों के डेटा के रखरखाव और सुरक्षा के भी प्रावधान बनाए गए हैं।

कैसे और कितना होगा दंड व जुर्माना ?

  • कानून के अनुसार, अगर परिवार का सदस्य शव को कब्जे में लेने से इनकार करता है तो उसे एक साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
  • कानून कहता है कि किसी विरोध प्रदर्शन के लिए शरीर का उपयोग करने या इसके लिए सहमति देने पर दो साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।
  • अगर मृतक के परिवार के अलावा कोई और शव के साथ विरोध प्रदर्शन करता है तो जुर्माने के साथ पांच साल तक की सजा होगी।

आखिर क्यों लाना पड़ा यह कानून?

इस कानून को लाने के पीछे एक महत्वपूर्ण वजह है, जी हां राजस्थान के संसदीय मामलों के मंत्री शांति धारीवाल ने इसे स्पष्ट करते हुए बताया है कि यह विधेयक उन घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए लाया गया है, जहां परिवार की अनुचित मांगों के लिए मृतक के शरीर के साथ विरोध प्रदर्शन करते हैं।

मंत्री ने कहा कि किसी शव को 7-8 दिनों तक रखना और नौकरी या पैसे की मांग करना लोगों की आदत बनती जा रही है। धारीवाल ने इन मामलों का आंकड़ा बताते हुए कहा कि 2014 से 2018 के बीच 82 ऐसी घटनाएं सामने आईं, जहां परिवार ने शव के साथ बैठकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण 30 पुलिस मामले सामने आए।