Rajasthan: सिपाही भर्ती में अभ्यर्थी ने खुद को दिखाया 9 साल छोटा, अंतिम राउंड में ऐसे पकड़ा गया कैंडिडेट
सिपाही भर्ती में जालसाजी का मामला सामने आया है। जब अभ्यर्थी ने अपने डॉक्यूमेंट्स में हेरफेर करके सरकारी नौकरी पाने की साजिश रची। सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक 31 वर्षीय एक युवक ने सिपाही की भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए अपनी उम्र कम दिखाई। इस दौरान आरोपी ने कई वर्षों तक जालसाजी और धोखाधड़ी की। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में पेपर लीक और भर्ती परीक्षा में धांधली से जुड़े कई मामले उजागर हो चुके हैं। तमाम एजेंसियां परीक्षा मामले की जांच कर रही हैं। इस बीच सिपाही भर्ती में जालसाजी का मामला सामने आया है। जब अभ्यर्थी ने अपने डॉक्यूमेंट्स में हेरफेर करके सरकारी नौकरी पाने की साजिश रची।
बता दें कि सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक 31 वर्षीय एक युवक ने सिपाही की भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए अपनी उम्र कम दिखाई। इस दौरान आरोपी ने कई वर्षों तक जालसाजी और धोखाधड़ी की।
ऐसे खुली आरोपी की पोल
इस अभ्यर्थी ने खुद की उम्र 9 साल कम बताई। आरोपी ने एग्जाम के सभी राउंड पास भी कर लिए, लेकिन अंतिम राउंड के दौरान उसकी गलती पकड़ में आ गई। फिर पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने जालसाजी की बात स्वीकार कर ली।
आरोपी ने खुद को दिखाया 22 साल का…
दरअसल, नीमकाथाना क्षेत्र निवासी 31 वर्षीय हंसराज सिंह सिपाही की भर्ती परीक्षा में शामिल हुआ। आरोपी ने जाली जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बनवाया। गलत दस्तावेज बनवाने के बाद साल 2021 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास की और दो वर्ष तक इंतजार करने के बाद 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास की।
इन दोनों परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने के बाद आरोपी ने राजस्थान सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 उत्तीर्ण की। परीक्षा की चयन प्रक्रिया के एक राउंड को छोड़कर अन्य सभी राउंड पास कर लिए।
बारां के पुलिस अधीक्षक राज कुमार चौधरी ने बताया कि आरोपी को भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया कि परीक्षा देने के लिए दस्तावेजों में अपनी उम्र नौ साल कम कर दी थी। पुलिस के मुताबिक मंगलवार 15 अक्टूबर को परीक्षा का आखिरी राउंड था। इस दौरान दस्तावेज सत्यापन और मेडिकल टेस्ट में ही हंसराज सिंह की उम्र के बारे में तथ्य सामने आ गए और उसकी जालसाजी का भंडाफोड़ हो गया।
पुराने डॉक्यूमेंट्स में जन्मतिथि 1993
मिली जानकारी के अनुसार, मामले की जांच के दौरान हंसराज सिंह की मौजूदा दसवीं की मार्कशीट में उसकी जन्मतिथि 25 नवंबर 2002 लिखी हुई मिली है। लेकिन शक होने पर उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास कई दस्तावेज मिले जिसमें उसकी पुरानी दसवीं की मार्कशीट की फोटो कॉपी थी। उनमें उसकी जन्मतिथि 1993 पाई गई। जिसके बाद सख्ती से पूछताछ करने और बरामद किए गए अन्य दस्तावेजों की भी जांच की गई, जिसमें भी यही जन्मतिथि लिखी थी।
यह भी पढ़ें- Sabarimala Online Darshan Booking: अब ऑनलाइन पंजीकरण के बिना भी मिलेगी सबरीमाला में दर्शन करने की सुविधा