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Rajasthan: जोधपुर में कांग्रेस के दो दिग्गज परिवारों की होड़ में उलझा जिला प्रमुख का पद, क्रास वोटिंग पर भाजपा की नजर

Rajasthan जोधपुर कांग्रेस में जिला प्रमुख की दावेदारी के नाम का पेच फंसा है। दावेदारी के लिए कांग्रेस नेता परसराम मदेरणा के पुत्र महिपाल मदेरणा की पत्नी व वर्तमान ओसियां की विधायक दिव्या मदेरणा की मां लीला देवी मदेरणा व बद्रीराम जाखड़ की पुत्री मुन्नी देवी गोदारा का नाम है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Sun, 05 Sep 2021 06:03 PM (IST)
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जोधपुर में कांग्रेस के दो दिग्गज परिवारों की होड़ में उलझा जिला प्रमुख का पद। फाइल फोटो
जोधपुर, रंजन दवे। जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने गृह जिले जोधपुर में खोया जनाधार काफी हद तक वापस हासिल करने में कामयाब रहे, लेकिन प्रमुख के पेंच में फंस गए हैं। जिला परिषद में पूर्ण बहुमत के बावजूद अभी तक यह तय नहीं है कि जिला प्रमुख कांग्रेस का ही बनेगा। कांग्रेस का जिला प्रमुख चुना जाना प्रत्याशी पर निर्भर करेगा। प्रत्याशी चयन को लेकर उलझन में पड़े कांग्रेस के नेता गहलोत की तरफ देख रहे हैं। इतना तय है कि एक भी चूक कांग्रेस की किरकिरी करा देगी। कांग्रेस में जिला प्रमुख की दावेदारी के नाम का पेच फंसा है। दावेदारी के लिए दो प्रमुख चेहरों में कांग्रेस के कद्दावर नेता परसराम मदेरणा के पुत्र महिपाल मदेरणा की पत्नी और वर्तमान ओसियां की विधायक दिव्या मदेरणा की मां लीला देवी मदेरणा व बद्रीराम जाखड़ की पुत्री मुन्नी देवी गोदारा का नाम सबसे ऊपर है। दोनों के झगड़े में पहले भी कांग्रेस को नुकसान हुआ है, ऐसे में भाजपा भी वेट एंड वाच मोड पर है।

कांग्रेस के रणनीतिकार भी पसोपेश में
गांव की सरकार के चुनावों में कांग्रेस ने अपनी साख बनाई है। इधर, भंवरी मामले में फंसे कांग्रेसी दिग्गजों को जमानत मिलने के बाद जनाधार भी मजबूत हुआ है, जिसका असर कांग्रेस को इन चुनावों के परिणामों में स्पष्ट नजर भी आया है। इसके बावजूद भी कांग्रेस के रणनीतिकार भी पसोपेश में हैं कि किसे प्रत्याशी चुनें? जोधपुर में गहलोत के एक खास सिपहसालार ने भी अपनी बेबसी जाहिर करते हुए कहा कि इन लोगों को कैसे समझाएं? महिपाल मदेरणा की पत्नी लीला मदेरणा और बद्रीराम जाखड़ की बेटी मुन्नी गोदारा दोनों अड़े हुए हैं। दोनों के पास खुद समेत चार-चार सदस्यों का समर्थन है। इन दोनों में से किसी एक को प्रत्याशी बनाए तो दूसरे पक्ष की क्रास वोटिंग का खतरा मंडराना तय है। ऐसे में किसी नए प्रत्याशी की संभावना तलाशी अवश्य जा रही है, लेकिन शर्त यह है कि वह दोनों को मान्य हो। भाजपा भी वेट एंड वॉच की स्थिति में है और साथ ही अंदरूनी स्तर पर अपनी गोटिया फिट कर सके। भाजपा की भी प्रबल दावेदार जिला प्रमुख पद की प्रत्याशी अमिता चौधरी ने चुनाव जीता है, ऐसे में कांग्रेस के अलावा जाट समुदाय लाबिंग भी इन चुनावों में जिला प्रमुख पद को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

तीसरे विकल्प को लेकर भी लगाए जा रहे कयास

एक ओर मदेरणा परिवार की बहू है तो दूसरी ओर जाखड़ परिवार की बेटी। अब देखना यह है कि आलाकमान बहू के नाम पर मोहर लगाते हैं या बेटी के नाम पर। इधर, अंदरखाने चर्चा यह भी है कि दोनों परिवार की अदावत का फायदा तीसरा उठा सकता है। जिला प्रमुख का ताज किसके सिर पर सजेगा यह तस्वीर सोमवार को साफ हो जाएगी। 1982 से 2003 तक कांग्रेस के दिग्गज रहे परसराम मदेरणा के पुत्र महिपाल मदेरणा जिला प्रमुख रहे थे। महिपाल की पत्नी लीला देवी मदेरणा ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा की मां हैं। इदर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता बद्रीराम जाखड़ की बेटी मुन्नीदेवी गोदारा को भी प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। मुन्नी देवी छठी बार जिला परिषद का चुनाव जीती हैं। बद्री राम जाखड़ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद नजदीकी माने जाते हैं। जाखड़ ने मुन्नी देवी के लिए सीएम तक लाबिंग बना रखी है। हालांकि अभी तक तीसरे नाम पर संशय ही है फिर भी जोड़ जोड़ सभी और जारी है।

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