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Rajasthan Politics: हार की जिम्मेदारी लेकर मंत्रियों पर इस्तीफे का दबाव, कृषि मंत्री मीणा इस्तीफा देने पर अड़े; वन मंत्री ने सीएम को लेकर कह दी यह बात

Lok Sabha Election Result 2024 चुनाव परिणाम आने के बाद राजस्थान के कृषिमंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने रामायण की चौपाई एक्स पर पोस्ट कर कहा रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाय पर वचन न जाई। मीणा ने साफ तौर पर इस्तीफा देने के संकेत दे दिए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता मीणा को इस्तीफा नहीं देने को लेकर मनाने में जुटे हैं।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 05 Jun 2024 06:43 PM (IST)
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राजस्थान के कृषिमंत्री किरोड़ी लाल मीणा (फाइल फोटो)
नरेंद्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान के कृषिमंत्री किरोड़ी लाल मीणा राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं। मीणा ने खुद के प्रभार वाली सात में से एक भी सीट पर भाजपा प्रत्याशी की हार होने पर इस्तीफा देने का ऐलान किया था। चुनाव परिणाम आने के बाद उन्होंने रामायण की चौपाई एक्स पर पोस्ट कर कहा, रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाय पर वचन न जाई।

मीणा ने साफ तौर पर इस्तीफा देने के संकेत दे दिए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता मीणा को इस्तीफा नहीं देने को लेकर मनाने में जुटे हैं। अब यदि मीणा का इस्तीफा होता है तो जिन मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशियों की हार हुई है,उन पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है। भजनलाल शर्मा सरकार के चार मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों की हार हुई है। साथ ही सीएम शर्मा के गृहजिले भरतपुर में भी पार्टी प्रत्याशी की हार हुई है। इस बीच प्रदेश के वनमंत्री संजय शर्मा ने कहा,सीएम भजनलाल ही रहेंगे।

सरकार के नेतृत्व में कोई फेरबदल नहीं होगा

सरकार के नेतृत्व में कोई फेरबदल नहीं होगा। शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। बुधवार को सवाईमाधोपुर में एक बयान में वनमंत्री ने कहा,भले ही लोकसभा चुनाव पार्टी की आशा के अनुरूप नहीं आए हैं,लेकिन प्रदेश में सरकार पर इनका कोई असर नहीं पड़ेगा। वनमंत्री ने कहा,प्रदेश की 11 सीटों पर हुई हार के कारणों की समीक्षा सीएम शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी के नेतृत्व में की जाएगी। उन्होंने कहा,आगामी निकाय चुनाव में भाजपा एक बार फिर मजबूती से लड़कर जीत दर्ज करेगी।

इन भाजपा प्रत्याशियों की हुई हार 

दरअसल, सीएम शर्मा के गृह संसदीय क्षेत्र भरतपुर,कृषिमंत्री मीणा के निर्वाचन क्षेत्र टोंक-सवाई माधोपुर,मीणा के गृहक्षेत्र दौसा,स्वायत्त शासन मंत्री हरलाल सिंह खर्रा के गृहक्षेत्र सीकर,गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म के गृहक्षेत्र भरतपुर संसदीय क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों की हार हुई है। इस बीच भाजपा के निर्वाचित 14 में से अधिकांश सांसद बुधवार शाम को दिल्ली पहुंच गए है।

कांग्रेस में उत्साह का माहौल

2014 और 2019 में सभी 25 सीटों पर हार के बाद इस बार लोकसभा चुनाव में आठ सीटों पर जीत दर्ज करवाने वाली कांग्रेस में उत्साह का माहौल है। बुधवार को सभी निर्वाचित सांसद जयपुर पहुंचे । सांसदों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात की। आईएनडीआईए गठबंधन में शामिल होकर जीत दर्ज करवाने वाले माकपा के सांसद अमराराम,राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल एवं भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत की भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत हुई है।

'हम 20 साल से यह सीट नहीं जीत रहे थे'

उधर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पुत्र वैभव गहलोत की जालौर-सिरोही सीट पर हुई हार पर कहा,यह सीट मुश्किल थी। हम 20 साल से यह सीट नहीं जीत रहे थे। वैभव को सोच-समझकर प्रत्याशी बनाया गया था। मुश्किल सीट थी,कोई ना कोई तो लड़ना ही था वैभव ने जो देश व प्रदेश के हालात के हालात को देखकर खुद ने आगे बढ़कर कहा कि मैं जालौर-सिरोही से चुनाव लड़ने को तैयार हूं।

'यह जनादेश भाजपा के खिलाफ'

सचिन पायलट,राष्ट्रीय महासचिव कांग्रेस ने कहा कि चुनाव परिणाम का मुख्य सार यह है कि देश और राजस्थान की जनता ने बटवारे,अहंकार और जमीनी मुददों को नजरंदाज करने की राजनीति को ठुकराया है। यह जनादेश भाजपा के खिलाफ है। जनादेश इंडिया गठबंधन और कांग्रेस के नेतृत्व के पक्ष में है।

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