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अलवर सामूहिक दुष्कर्म मामले में राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने गहलोत पर साधा निशाना, कहा- दुष्कर्म कैपिटल हो गया है प्रदेश

सांसद दीयाकुमारी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लिखा है कि राजस्थान सरकार गंभीर मामलों में संवेदनशील नहीं है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि हर दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं इसके बावजूद राज्य सरकार चैन की नींद सो रही है।

By Priti JhaEdited By: Updated: Sun, 16 Jan 2022 01:39 PM (IST)
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सांसद दीयाकुमारी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लिखा है कि राजस्थान सरकार गंभीर मामलों में संवेदनशील नहीं है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। अलवर में नाबालिग मूक-बधिर बालिका से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में राजसमंद से भाजपा की सांसद दीया कुमारी ने कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वीर और वीरांगनाओं का प्रदेश दुष्कर्म कैपिटल हो गया है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

सांसद दीयाकुमारी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लिखा है कि राजस्थान सरकार गंभीर मामलों में संवेदनशील नहीं है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि हर दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, इसके बावजूद राज्य सरकार चैन की नींद सो रही है। उन्होंने अलवर जिले की मूक बधिर नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि अलवर की ही घटना नहीं, हर दिन प्रदेश के किसी ना किसी हिस्से में ऐसी शर्मनाक वारदातें सामने आ रही हैं लेकिन सरकार कानून और व्यवस्था बिगड़ने के बावजूद ऐसा व्यवहार कर रही है, जैसे सब कुछ सामान्य हो। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे नेता- मंत्रियों को शर्म भी नहीं आती। वीर और वीरांगनाओं के इस प्रदेश को कहां से कहां पहुंचा दिया है।

उन्होंने अलवर की घटना को लेकर वीडियो मैसेज भी साझा किया है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार नहीं कर सकती तो उसे सत्ता में रहने का हक नहीं है। उन्होंने कहा कि ये बहुत दुःख और शर्म की बात है। मुझे खुद को शर्म आती है कि आज में एक ऐसे राजस्थान में जी रही हूं, जहां हमारी बहन बेटियां सुरक्षित नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक मूक-बधिर बालिका से दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई तो नहीं की गई, बल्कि अलवर पुलिस अधीक्षक का यह बयान सामने आया कि नाबालिग बालिका के साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ है। इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले को दबाया जाकर एक साधारण घटना का रूप दिया जा रहा है। राज्य सरकार को चाहिए कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि असलियत सामने आए।  

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