मरीजों से राजस्थान सरकार मांग रही धर्म और जाति की जानकारी
हमेशा ही विवादों में रहने वाला राजस्थान का चिकित्सा विभाग एक बार फिर चर्चा में आ गया है ।
By Preeti jhaEdited By: Updated: Mon, 09 Apr 2018 11:37 AM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। हमेशा ही विवादों में रहने वाला राजस्थान का चिकित्सा विभाग एक बार फिर चर्चा में आ गया है । इस बार जयपुर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में ओपीडी पंजीकरण के लिए शुरू किए गए मोबाइल एप्प में अब मरीज का नाम एवं बीमारी के साथ ही धर्म और जाति की जानकारी मांगी जाने को लेकर उत्पन्न हुआ है ।
इन जानकारियों के बिना मोबाइल एप्प से पंजीकरण नहीं हो सकेगा । अस्पताल में पंजीकरण के लिए लगने वाली लम्बी लाइनों से छुटकारा दिलाने के लिए चिकित्सा विभाग ने मोबाइल एप्प तो शुरू किया,लेकिन इसमें मरीज की जाति और धर्म के बारे में जानकारी मांगी गई है । चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस कदम का मकसद मरीजों को उनके धर्म के अनुसार सूचीबद्ध करना है,जिससे किसी धर्म विशेष में कोई बीमारी फैलने की स्थिति में त्वरित कदम उठाया जा सके ।हालांकि धर्म और जाति की जानकारी मांगे जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है ।इस बारे में चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ का कहना है कि यह नियमित प्रक्रिया है,इसे मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए । मरीजों के लिंग,जातिय स्थिति और धर्म के बारे में जानकारी हासिल करने से उनमें पाई जाने वाली आम बीमारियों पर शोध करने में मदद मिलती है । वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ.डी.एस.मीणा का कहना है कि कुछ ऐसी बीमारियां है जो किसी धर्म विशेष के लोगों में आमतौर पर पाई जाती है ।
वहीं कुछ ऐसी बीमारियां है जो विशेष समुदाय या जाति में बहुंत कम पाई जाती है । मेडिकल साइंस में किसी भी मरीज के धर्म के बारे में जानकारी जुटाना रूटीन की प्रक्रिया है । इसमें नया कुछ भी नहीं है । इधर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं मीडिया चेयरपर्सन अर्चना शर्मा का कहना है कि आरएसएस के एजेंडे पर काम कर रही सरकार अब मरीजों को भी धर्म के आधार पर बांटने में जुटी है ।
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