उदयपुर में वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर 150 जेल प्रहरी, तबियत बिगड़ने पर 13 अस्पताल में भर्ती
वेतन बढ़ाए जाने की मांग को लेकर उदयपुर केन्द्रीय कारागृह के 150 जेल प्रहरी पिछले पांच दिन से भूख हड़ताल पर हैं। हालत खराब होने पर पांच प्रहरियों को महाराणा भूपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिनमें चार महिला प्रहरी भी शामिल हैं।
उदयपुर, जागरण संवाददाता। वेतन बढ़ाए जाने की मांग को लेकर उदयपुर केन्द्रीय कारागृह के 150 जेल प्रहरी पिछले पांच दिन से भूख हड़ताल पर हैं। हालत खराब होने पर पांच प्रहरियों को महाराणा भूपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिनमें चार महिला प्रहरी भी शामिल हैं। उनका कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी तो वह पानी पीना भी बंद कर देंगे। अस्पताल में भर्ती जेल प्रहरियों का कहना है कि उनका वेतन कम है और ड्यूटी पर रिस्क ज्यादा। हार्ड कोर अपराधियों के बीच रहकर वह सुरक्षित भी नहीं रह पाते।
ग्लूकोज की चढ़ाई जा रही बोतल
पांच दिन पहले उन्होंने अपनी मांग जेल प्रशासन के समक्ष रखकर भूख हड़ताल शुरू की थी। बीती देर रात उन्हें जबरन अस्पताल लाया गया और यहां भर्ती करा दिया गया। उनका कहना है कि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह पानी पीना भी बंद कर देंगे। इधर, अस्पताल प्रशासन का कहनाा है कि सभी जेल प्रहरियों की शारीरिक जांच की गई। भूख हड़ताल पर रहने से उनका बीपी और शुगर का स्तर बिगड़ने लगा है। फिलहाल ग्लूकोज की बोतल चढ़ाई जा रही हैं।
उदयपुर जेल में तैनात है 150 जेल प्रहरी
जेल प्रशासन ने बताया कि केन्द्रीय करागृह में 150 जेल प्रहरी तैनात हैं। सभी ड्यूटी कर रहे हैं लेकिन पिछले पांच दिन से वह वेतन बढ़ाए जाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं। भूख हड़ताल की वजह से तबियत बिगड़ने पर 13 जेल प्रहरियों को एमबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इनमें 9 पुरुष और 4 महिला जवान भर्ती हैं।
पुलिस जवान से भी कम है वेतन
जेल प्रहरियों ने बताया कि साल 1998 तक जेल और पुलिस के जवानों का वेतन समान था। इसके बाद राज्य सरकार ने जेल जवानों के वेतनमान को पुलिस जवानो से अलग कर दिया। जेल प्रहरियों का वेतन पे ग्रेड 1900 है जबकि पुलिस जवानों का पे ग्रेड 2400 है। जेल सहायक तक को पुलिस जवान से कम वेतन मिलता है। यह पहला अवसर नहीं है जब जेल प्रहरी अपने वेतन को लेकर हड़ताल पर हैं। इससे पहले साल 2017 में भी जेल प्रहरियों ने हड़ताल की थी लेकिन तब उनका आंदोलन सांत्वना देकर खत्म करा दिया गया।