Land Samadhi Satyagraha: नींदड़ में किसानों ने फिर शुरू किया जमीन समाधि सत्याग्रह, देखें वीडियो
Land Samadhi Satyagraha. राजस्थान के नींदड़ में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने जमीन समाधि सत्याग्रह किया।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Mon, 02 Mar 2020 05:38 PM (IST)
जयपुर, जेएनएन। Land Samadhi Satyagraha. राजस्थान में जयपुर के पास नींदड़ गांव में जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के खिलाफ यहां के किसानेां ने एक बार फिर जमीन समाधि सत्याग्रह शुरू कर दिया है। सोमवार को यहां 51 किसान सत्याग्रह पर बैठे। इनमें 16 महिलाएं और 35 पुुरुष हैं।
नींदड़ गांव में भूमि अधिग्रहण पर विवाद का यह मामला काफी समय से चल रहा है। यहां के किसानों ने नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति के तहत पहले भी आंदोलन किया था। उस समय सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आंदेालनकारियों और सरकार के बीच मध्यस्थता कर आंदोलन स्थगित करवा दिया था। किसानों की मांग है कि उन्हें 2014 में पारित भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा दिया जाए, जबकि जयपुर विकास प्राधिकारण इसके लिए तैयार नहीं है, क्योंकि भूमि अधिग्रहण पहले ही हो चुका था।संघर्ष समिति का नेतृत्व कर रहे नगेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि पिछले 50 दिन से हम सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने कोई फैसला नहीं किया। इसलिए हमें फिर से सत्याग्रह के लिए बाध्य होना पड़ा है। अब हम जयपुर विकास प्राधिकरण से कोई वार्ता नहीं करेंगे, क्योंकि मुख्यमंत्री स्वयं सार्वजनिक मंच से जयपुर विकास प्राधिकरण को भ्रष्ट विभाग बता चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द हमारी पीड़ा समझेगी और वार्ता करेगी, लेकिन हम अपना हक लिए बिना सत्याग्रह समाप्त नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि यहां के किसान काफी समय से भूमि अधिग्रहण की खिलाफत कर रहे हैं। मगर सरकार की ओर से अभी तक किसानों की मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। इस कारण किसानों में सरकार के प्रति भारी रोष है। इससे पहले भी कई बार यहां के किसान जमीन समाधि सत्याग्रह तक चुके हैं। बताया जाता है कि यहां के किसान मुआवजे को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। इसी कारण वह जमीन समाधि सत्याग्रह कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर यह भी पता चला है कि कुछ नेता किसानों के जमीन समाधि सत्याग्रह पर सियासत की तैयारी कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, सरकार किसानों को मनाने की भी कोशिश कर सकती है, मगर अभी तक सरकार का कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा है। इस कारण किसानों में रोष पनप रहा है। इससे पहले आरक्षण की मांग को लेकर भी राजस्थान के किसान कई बार आंदोलन कर चुके हैं। आरक्षण आंदोलन के दौरान राजस्थान में हिंसा के चलते जान माल का काफी नुकसान भी हुआ था। आरक्षण आंदोलन के दौरान वाहनों में आग लगा दी गई थी। कई जगहों पर वाहनों में जमकर तोड़फोड़ भी हुई थी। बाद में सरकार के आश्वासन पर किसानों का आंदोलन खत्म हुआ था।
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— ANI (@ANI) March 2, 2020