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Diwali 2022: कच्ची बस्तियों में दीपावली की खुशियां बांटने पहुंचे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

Diwali 2022 लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा के श्रीनाथपुरम सेवा परिसर में स्थित कच्ची बस्ती में रह रहे लोगों के बीच पहुंचे। उन्होंने लोगों को मिठाई और बच्चों को कपड़े पटाखे व खिलौने बांटे। बिरला घरों में पहुंचे और लोगों के साथ संवाद किया उनकी समस्याएं जानी।

By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Sun, 23 Oct 2022 05:48 PM (IST)
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कच्ची बस्तियों में दीपावली की खुशियां बांटने पहुंचे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला। फोटो इंटरनेट मीडिया
जयपुर, जागरण संवाददाता।Diwali 2022: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) दीपावली का त्योहार अपने संसदीय क्षेत्र कोटा (Kota) में मना रहे हैं। वे चार दिन तक कोटा में रहेंगे। बिरला रविवार को कोटा के श्रीनाथपुरम सेवा परिसर में स्थित कच्ची बस्ती में रह रहे लोगों के बीच पहुंचे। उन्होंने लोगों को मिठाई और बच्चों को कपड़े, पटाखे व खिलौने बांटे। बिरला घरों में पहुंचे और लोगों के साथ संवाद किया, उनकी समस्याएं जानी।

कहा-बांटने से बढ़ती हैं खुशियां

आन्या फाउंडेशन की ओर से ओम बिरला ने कच्ची बस्ती वासियों को उपहार वितरित किए। बिरला और फाउंडेशन की अध्यक्ष अंजली बिरला ने मेडिकल कालेज के सामने स्थित कच्ची बस्ती में भी मिठाई और उपहार वितरित किए। उन्होंने कहा कि खुशियां बांटने से और बढ़ती हैं। भारतीय संस्कृति में दीपावली से बड़ा कोई पर्व नहीं है। इस पर्व पर यदि हम वंचित बच्चों के चेहरों पर खुशी ला सकें तो उससे बड़ा समाज के लिए कुछ नहीं हो सकता है। उन्होंने कच्ची बस्ती वासियों ने बच्चों को स्कूल भेजने और टीकाकरण समय पर करवाने के लिए भी कहा।

ताकि कोई भी बच्चा उपहार से वंचित ना रहे

इस मौके पर अंजली ने बताया कि कोटा की कच्ची बस्तियों में रहने वाले कोई भी बच्चे दीपावली के उपहार से वंचित नहीं रह सके, इसके लिए फाउंडेशन ने हर उच्च के बच्चों के लिए कपड़ों की व्यवस्था की है। उनके मुताबिक, शहर की कच्ची बस्तियों में ओम बिरला द्वारा पिछले दो दशक से कपड़े, भोजन, दवा, चप्पल, छाता, टीन शेड आदि वितरित की जा रही है।

ओम विरला का ट्वीट

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट में लिखा कि संसदीय क्षेत्र कोटा में आन्या फाउंडेशन के मुसकान भरी दीपावली अभियान के तहत वंचित वर्ग के बच्चों को नए कपड़े और खिलौने भेंट किए। उपहार पाकर बच्चों के चेहरे पर जो खुशी दिखी उसे शब्दों में अभिव्यक्त करना असंभव है। आन्या फांउंडेशन के युवाओं की यह संवेदनशीलता प्रशंसनीय है।

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