जन्माष्टमी पर मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार का एलान, श्री कृष्ण से जुड़े तमाम स्थलों को धार्मिक सर्किट से जोड़ा जाएगा
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर श्रीकृष्ण गमन पथ विकसित करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इसके तहत भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली से लेकर उनके शिक्षा ग्रहण करने के स्थान को धार्मिक सर्किट से जोड़ा जाएगा। उज्जैन स्थित सांदीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की थीधार के पास अमझेरा में श्रीकृष्ण का रुक्मिणी हरण को लेकर युद्ध हुआ था।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर श्रीकृष्ण गमन पथ विकसित करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इसके तहत भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली से लेकर उनके शिक्षा ग्रहण करने के स्थान को धार्मिक सर्किट से जोड़ा जाएगा।
मध्य प्रदेश में उज्जैन स्थित सांदीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की थी, जानापाव में भगवान परशुराम ने उन्हे सुदर्शन चक्र दिया था, धार के पास अमझेरा में श्रीकृष्ण का रुक्मिणी हरण को लेकर युद्ध हुआ था।
श्रीकृष्ण मथुरा से भरतपुर, कोटा, झालावाड़ के रास्ते छोटे-छोटे गांवों से होते हुए उज्जैन पहुंचे थे। हमने सभी स्थलों को चिह्नित किया है। उन सभी स्थानों को विकसित कर धार्मिक सर्किट बनाया जाएगा। जन्माष्टमी पर सोमवार को मुख्यमंत्री ने पहले उत्तर प्रदेश के गोवर्धन में पूंछरी का लोठा में पूजा अर्चना करने के साथ श्रीनाथ जी के मंदिर में दर्शन किए और फिर उज्जैन में सांदीपनि आश्रम भी पहुंचे।
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के साथ बनी थी रणनीति
बता दें कि भोपाल में 30 जून को पार्वती-काली¨सध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना के शुभारंभ के अवसर पर श्रीकृष्ण पाथेय बनाने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के साथ रणनीति बनी थी। कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश से सटे राजस्थान के डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से खोदाई के दौरान जमीन के नीचे पूरा गांव होने की जानकारी सामने आई थी। इस दौरान हड्डियों के अवशेष, महाभारतकालीन माने जाने वाले मिट्टी के बर्तन व मृर्तियां मिले थे। जहां यह गांव मिला, वह इलाका बृज क्षेत्र अर्थात श्रीकृष्ण की जन्मस्थली से जुड़ा हुआ है। यह गोवर्धन से मात्र 11 किलोमीटर दूर है।