Battle of Haldighati: हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप ने दर्ज की थी जीत, अब पर्यटक होंगे सच्चाई से रूबरू
Battle of Haldighati हल्दीघाटी में लगी उन सभी विवादित पट्टिकाओं को हटाने का निर्णय लिया गया है जिसमें महाराणा प्रताप के पीछे कदम खींचे जाने की गलत जानकारी दे रखी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जल्द ही नई जानकारी के साथ पट्टिकाएं लगवाने जा रहा है।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Thu, 15 Jul 2021 05:52 PM (IST)
उदयपुर, सुभाष शर्मा। भले ही पढ़ाई की किताबों में हल्दीघाटी के निर्णायक युद्ध की जानकारी से बच्चे अनभिज्ञ हैं, लेकिन हल्दीघाटी आने वाले पर्यटक युद्ध की सच्चाई जान पाएंगे। हल्दीघाटी में लगी उन सभी विवादित पट्टिकाओं को हटाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें महाराणा प्रताप के पीछे कदम खींचे जाने की गलत जानकारी दे रखी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) जल्द ही नई जानकारी के साथ पट्टिकाएं लगवाने जा रहा है। जिसमें स्पष्ट उल्लेख होगा कि हल्दीघाटी का युद्ध निर्णायक रहा और इसमें मुगल शासक अकबर की सेना को कदम पीछे हटाने पड़े। यानी हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप की जीत दर्ज हुई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जोधपुर सर्किल के अधीक्षक बिपिन चंद्र नेगी का कहना है कि हल्दीघाटी में राजस्थान पर्यटन निगम के चालीस साल पहले लगाए गए उन सभी पट्टिकाओं को हटाने के आदेश दिए है। हालांकि एएसआइ इस ओर कदम उठाने से पहले इस सही तथ्यों का सत्यापन भी करेगी। हालांकि उदयपुर के इतिहासकार प्रो.चंद्रशेखर बताते हैं कि हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून, 1576 को हुआ था। जबकि पर्यटन विभाग की लगवाई गई पट्टिकाओं में 21 जून का जिक्र है।
राजसमंद सांसद दीया ने केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री का खींचा था इस ओर ध्यान
हल्दीघाटी युद्ध को लेकर इतिहास में अंकित जानकारी तथा हल्दीघाटी में लगे शिलापट्टों में विवादास्पद जानकारी को लेकर केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल से बात कर इसमें सुधार के लिए पहल की थी। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को कार्रवाई के लिए आदेश दिए थे।
संगठन कर रहे थे लंबे समय से मांग
हल्दीघाटी का युद्ध निर्णायक था। इसको लेकर उदयपुर के इतिहासकार प्रो. चंद्रशेखर शर्मा ने शोध के जरिए प्रमाणित किया था कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप विजयी रहे। पिछले कई सालों से राजपूत समाज ही नहीं, बल्कि विभिन्न संगठन लगातार मांग कर रहे थे कि हल्दीघाटी में युद्ध के निर्णय को लेकर लगी विवादास्पद पट्टिकाएं हवाई जाएं। उल्लेखनीय है कि 1970 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हल्दीघाटी का दौरा किया, तब राजस्थान पर्यटन विभाग की पट्टिकाओं में लिखा गया था कि इस युद्ध में महाराणा प्रताप की सेना को पीछे हटना पड़ा।
अब तक गलत पढ़ाया जा रहा, सुधार की जरूरत इतिहास की पुस्तिकों में हल्दीघाटी का जिक्र है लेकिन इसे गलत ही पढ़ाया जाता रहा है। इस मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के नेता एकमत हैं। उदयपुर के प्रभारी व परिवहन मंत्री खाचरियावास का कहना है कि इतिहास से छेड़छाड़ करने वाली पुस्तकों को बच्चों तक पहुंचने नहीं देंगे। महाराणा प्रताप के वंशज व पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ का कहना है कि अपमान बर्दाश्त से बाहर है। राजसमंद सांसद दीयाकुमारी का कहना है कि इतिहासकारों ने स्कूली पाठ्यक्रम में छेड़छाड़ कर हल्दीघाटी ही नहीं, बल्कि महाराणा प्रताप का अपमान किया है। जल संशाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी इतिहास की सच्चाई सामने लाने तथा बच्चों को सही पढ़ाए जाने की वकालात करते हैं।
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