Udaipur Violence: अस्पताल में घायल बेटे से मिलते ही बिगड़ी मां की तबीयत, कलेक्टर ने माइक से लोगों को समझाया
उदयपुर में चाकूबाजी में घायल छात्र से तीसरे दिन मां ने मुलाकात की। बच्चे की हालत देखने के बाद मां की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच डॉक्टरों की एक टीम कोटा से उदयपुर पहुंची। मेडिकल बोर्ड छात्र की हालत पर नजर रख रहा है। चाकू लगने से छात्र की अतड़ियां फट गई थीं।
जागरण संवाददाता, उदयपुर। स्कूली छात्र को चाकू से वार कर घायल करने की घटना के तीसरे दिन रविवार को भी राजस्थान का उदयपुर तनाव की स्थिति से नहीं उबर पाया। अस्पताल में भर्ती बेटे से नहीं मिलने देने को लेकर उसकी मां के धरने पर बैठने के बाद फिर माहौल बिगड़ गया और लोगों की भीड़ अस्पताल और उसके आसपास जमा हो गई।
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कलेक्टर ने मां को बेटे से मिलवाया
बढ़ते आक्रोश के बीच कलेक्टर अरविंद पोसवाल और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल अस्पताल पहुंचे और माइक थामकर लोगों से शांति की अपील की। मां को बेटे से मिलवाया गया। हालांकि, बेटे से मिलने के बाद मां की हालत भी बिगड़ गई और उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कर लिया गया।कोटा से पहुंची डॉक्टरों की टीम
इस बीच, कोटा से पहुंची विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी बच्चे के उपचार में सहयोग कर रही है। एमबी राजकीय चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने बताया कि घायल छात्र बिना हार्ट बीट के अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों ने सीपीआर देकर उसे रिवाइव किया, फिर उसका ऑपरेशन भी किया गया है। उपचार के लिए मेडिकल बोर्ड गठित किया गया है, जो छात्र की लगातार मानीटरिंग कर रहा है।
सहपाठी ने चाकू से किया था हमला
शनिवार रात को छात्र का बीपी 95 से नीचे आ गया था, इसके लिए दवा बढ़ाई गई है। बता दें कि शुक्रवार को विवाद में एक छात्र ने अपने सहपाठी पर चाकू से हमला कर दिया था। इससे छात्र की अंतड़ियां कट गई थीं और खून ज्यादा बह गया था।घटना के विरोध में हुई थी तोड़फोड़
वारदात के बाद शुक्रवार को ही दो समुदाय आमने-सामने आ गए और शहर में भारी तोड़फोड़ और आगजनी हुई। इस मामले में आरोपित छात्र को हिरासत में ले लिया गया था, जिसे राजसमंद जिले के बाल सुधार गृह भेज दिया गया है, जबकि उसके पिता से पुलिस अभी हिरासत में पूछताछ कर रही है। शनिवार को नगर निगम प्रशासन ने आरोपित छात्र के अवैध घर पर बुलडोजर चला दिया। यह घर वन विभाग की जमीन पर बना हुआ था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।बाजार तो खुले, रौनक नहीं लौटी
शहर में रविवार को संवेदनशील क्षेत्रों को छोड़कर ज्यादातर बाजार खुल गए, लेकिन रक्षाबंधन को लेकर त्योहार जैसी रौनक नहीं थी। सोमवार को रक्षाबंधन है, बावजूद इसके मिठाई और राखी की दुकानों पर सामान्य दिनों की तरह न तो भीड़ नजर आई और ना ही पर्यटन स्थलों पर ज्यादा पर्यटक दिखे। शहर में बिगड़े माहौल, नेटबंदी के चलते ज्यादातर पर्यटक लौट गए हैं या उन्होंने अपनी बुकिंग कैंसिल करा दी है।भीड़ बोली- बॉडी दे दो, कलेक्टर बोले-बच्चा जिंदा है
अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर माहौल बिगड़ने की सूचना पर पहुंचे कलेक्टर जब माइक के जरिए लोगों से शांति की अपील कर रहे थे, तभी भीड़ में शामिल एक महिला बोली, बच्चे की बॉडी दे दो। इस पर कलेक्टर ने महिला को फटकार लगाते हुए कहा कि बच्चा जिंदा है और उसका उपचार चल रहा है। बच्चे के लिए प्रार्थना करें। यह भी पढ़ें: 'शेख हसीना ने सत्ता के लिए बांग्लादेश की संवैधानिक संस्थाओं को किया बर्बाद', अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का आरोप