Rajasthan: नेफेड ने मूंगफली की सरकारी खरीद से इंकार किया, राजस्थान के किसानों की चिंता बढ़ी
भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) ने मूंगफली की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खरीद में असमर्थता जाहिर की है। उसके बाद मूंगफली खरीद के लिये किसानों की ओर से कराये जा रहे रजिस्ट्रेशन को आगामी आदेशों तक स्थगित कर दिया गया है।
By Preeti jhaEdited By: Updated: Wed, 21 Oct 2020 12:02 PM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में मूंगफली की सरकारी खरीद पर आशंकाओं के बादल छा गए हैं। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) ने मूंगफली की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खरीद में असमर्थता जाहिर की है। उसके बाद मूंगफली खरीद के लिये किसानों की ओर से कराये जा रहे रजिस्ट्रेशन को आगामी आदेशों तक स्थगित कर दिया गया है।
सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव ने बताया कि नेफेड द्वारा मूंगफली की एमएसपी खरीद में असमर्थता जाहिर करने के बाद मूंगफली खरीद के पंजीयन आगामी आदेश तक स्थगित कर दिए गए हैं। हालांकि मूंग, उड़द और सोयाबीन की खरीद के लिए पंजीयन यथावत रूप से होंगे। नेफेड के मूंगफली खरीद से इनकार करने से विरोधाभासी स्थिति बनती नजर आ रही है ।पूर्व में केंद्र द्वारा खरीद की मंजूरी देकर इसके लिए लक्ष्य भी स्वीकृत किए जा चुके थे ।अब राज्य सरकार ने किसानों के हित में मूंगफली की खरीद करवाने का फिर से भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से आग्रह किया है। राज्य सरकार मूंग, उड़द और सोयाबीन के साथ ही मूंगफली खरीद की भी पूरी तैयारी कर चुकी थी, लेकिन ऐनवक्त पर नेफेड के खरीद में असमर्थता जताने से पूरी व्यवस्था धरी रह गई है।
मीणा ने बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 29 सितंबर को आयोजित हुई बैठक में नेफेड को दलहन-तिलहन की खरीद व्यवस्था के संबंध में अवगत करवा दिया गया था। भारत सरकार द्वारा भी 12 अक्टूबर को मूंग, उड़द एवं सोयाबीन के साथ-साथ मूंगफली के खरीद लक्ष्य भी स्वीकृत कर दिये गये थे, लेकिन अब इसमें अड़चन खड़ी होती दिख रही है ।राज्य सरकार ने 18 नवंबर से मूंगफली खरीद की तैयारी कर रखी है। मूंगफली के लिए प्रदेश में 266 खरीद केन्द्र चिह्नित किए जा चुके हैं। भारत सरकार द्वारा 3.74 लाख मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद के लक्ष्य की स्वीकृति दी गई थी। मूंगफली के लिए 5275 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया था। अगर यह खरीद टलती है तो प्रदेश के किसानों को इसका बड़ा नुकसान होगा ।
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