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Rajasthan: डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी बोले, नसीम दंपती की दो हजार करोड़ की संपत्तियों की ACB से जांच हो

अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने कहा कि इंसाफ दंपती अब एक राजनीतिक घटना को लेकर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। प्रदेश के कई स्थानों पर मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 17 Jun 2023 06:17 PM (IST)
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अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया (जागरण फोटो)
अजमेर, राज्य ब्यूरो। अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली के पास दो हजार करोड़ रुपए की संपत्ति है। यह संपत्ति कहां से आई इस बात की जांच एसीबी के माध्यम से होनी चाहिए।

चौधरी ने कहा कि इंसाफ अली तो सरकारी स्कूल के तृतीय श्रेणी के शिक्षक रहे हैं। ऐसे में इतनी संपत्ति का होना गंभीर बात है। अजमेर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट के नेताओं की ओर से 17 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डेयरी अध्यक्ष ने यह आरोप लगाया।

इस कॉन्फ्रेंस में चौधरी ने कहा कि इंसाफ दंपती अब एक राजनीतिक घटना को लेकर साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। प्रदेश के कई स्थानों पर मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए गए हैं, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो सभी पक्षों के लोगों को साथ लेकर चलते हैं। गहलोत कभी भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते।

उन्होंने कहा कि गहलोत जब अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में कांग्रेस सरकार रिपीट करवाने के लिए मेहनत कर रहे हैं, तब नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली कांग्रेस के खिलाफ ही माहौल उत्पन्न कर रहे हैं।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, डॉ. राजकुमार जयपाल, नाथूराम सिनोदिया, शैलेंद्र अग्रवाल, शक्ति सिंह पीपरोली आदि उपस्थित रहे। सभी ने नसीम दंपती की गतिविधियों की कड़ी निंदा की।

अहिंसा वाले सरकारी कार्यक्रम में जमकर हुई हाथापाई

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने घटनाक्रम वाले दिन का वर्णन किया और कहा,

नसीम, उनके पति इंसाफ अली और बेटे ने आते ही हंगामा शुरू कर दिया। अपशब्दों का भी जमकर उपयोग किया, कोई शिकायत थी तो आकार बात करते, लेकिन अहिंसा वाले सरकारी कार्यक्रम में जमकर गाली-गलौच और हाथापाई की। उनकी मौजूदगी में इंसाफ अली ने अधिकारियों को धमकाया तथा गाली गलौज की। इस हंगामे की वजह से उन्हें गांधी दर्शन समिति का कार्यक्रम बीच में ही निरस्त करना पड़ा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में गांधी दर्शन समिति संयोजक श्रीगोपाल बाहेती ने कहा कि मेरे साथ भी गाली गलौच हुई, लेकिन उन्होंने कोई मुकदमा नहीं करवाया, उनके साथ तो पहले भी कई बार दुर्व्यवहार हुआ, लेकिन बीडीओ को भी गालियां दी तो उसने मुकदमा कराया।

सिर पर हैं विधानसभा चुनाव

कांग्रेस के लिए यह अफसोसजनक है कि विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। कांग्रेस में एकजुटता की बात की जा रही है। वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट के विरुद्ध मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। अजमेर के सिविल लाइन पुलिस थाने पर 9 आपराधिक धाराओं में नसीम व उनके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। यह तब हुआ है जब नसीम अख्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष हैं और मंत्री भी रह चुकी हैं।

हाल ही के कर्नाटक चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं को लामबंद करने के लिए एआईसीसी ने नसीम को खासतौर से कर्नाटक भेजा था। सवाल उठता है कि नसीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से पहले क्या अजमेर पुलिस ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री अशोक गहलोत से सहमति ली। नसीम अख्तर कोई साधारण कार्यकर्ता नहीं है, उनके पीछे मुस्लिम मतदाताओं की ताकत भी है।

क्या है पूरा मामला?

यही वजह है कि प्रदेश भर के मुस्लिम संगठन नसीम के समर्थन में लामबंद हो रहे हैं। जगह-जगह ज्ञापन दिए जा रहे हैं। नसीम का अपराध इतना बड़ा नहीं था कि पुलिस 9 धाराओं में मुकदमा दर्ज करे। नसीम ने 13 जून को कांग्रेस और सरकार के एक कार्यक्रम में पहुंचकर महंगाई राहत शिविर में अधिकारियों की अनुपस्थिति पर एतराज जताया था।

पुलिस ने इस राजनीतिक घटना को गुंडा गर्दी माना और मुकदमा दर्ज कर लिया। नसीम के खिलाफ दंगे के प्रयास की धारा 147, 143, 149, सरकारी अधिकारियों को धमकाने की धारा 186 और 189, सरकारी कार्य में बाधा डालने व रुकवाने की धारा 542, 332, 353 और गाली गलौज करने की धारा 506 में मुकदमा दर्ज किया। इतना ही नहीं इस मुकदमे में नसीम के पति और कांग्रेस नेता इंसाफ अली, उनके पुत्र अरशद को भी नामजद किया गया।

इस राजनीतिक घटना के लिए पुलिस ने किसके दबाव में मुकदमा दर्ज किया इसे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा बनी हुई। राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC) के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ अजमेर उत्तर अथवा डॉ श्रीगोपाल बाहेती पुष्कर से विधानसभा का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर लड़ना चाहते हैं। राठौड़ और डॉ बाहेती की इस लालसा की वजह से ही अजमेर में कांग्रेस दो फाड़ हो रही है।

किसके दबाव में दर्ज हुआ मुकदमा?

नसीम के खिलाफ भी राठौड़ के दबाव में ही मुकदमा दर्ज हुआ है। इसकी वजह यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का राठौड़ को खुला समर्थन है। गत 25 सितंबर को जब कांग्रेस के विधायकों की सामानांतर बैठक हुई तब विधायकों को एकजुट करने में राठौड़ की भूमिका रही। इसलिए मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी के साथ साथ राठौड़ को भी एआईसीसी से अनुशासनहीनता करने का नोटिस जारी हुआ था।

जानकार सूत्रों का मानना है कि मुख्यमंत्री गहलोत यह कभी नहीं चाहेंगे कि राजनीतिक घटनाओं के आधार पर कांग्रेस की किसी महिला पदाधिकारी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हो। यह मुकदमा तब और गंभीर हो जाता है जब शिकायत करने वाला प्रशासन का अधिकारी ही हो।

नसीम के खिलाफ अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के बीडीओ विजय सिंह चौहान ने पुलिस को शिकायत दी थी। उल्लेखनीय है धर्मेन्द्र राठौड़ चाहते हैं कि अजमेर जिले में उन्हीं के इशारे पर कांग्रेस उम्मीदवारों का चयन हो। इसलिए अभी से ही अपने विरोधियों के खिलाफ कार्यवाही करवा रहे हैं। राठौड़ के दबाव में ही प्रदेश प्रतिनिधि महेंद्र रलावता के पुत्र शक्ति सिंह के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज हुआ था।

पायलट गुट एकजुट

नसीम अख्तर के खिलाफ अजमेर पुलिस ने जो कार्यवाही की है, उसके विरोध में सचिन पायलट का गुट एकजुट हो गया है। 16 जून को नसीम अख्तर के समर्थन में शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन और गत चुनावों में उत्तर व दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता, हेमंत भाटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

इस अवसर पर कांग्रेस के प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे। सभी ने पुलिस कार्यवाही की निंदा की। इससे पहले एक रैली भी निकाली गई और कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया गया।

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