Bhilwara News: सरकारी अस्पताल में वार्मर से झुलसे दूसरे नवजात की भी मौत, परिजनों ने किया हंगामा
Bhilwara News भीलवाड़ा के सरकारी महात्मा गांधी जिला अस्पताल में वार्मर के बढ़े तापमान से झुलसे दूसरे नवजात बच्चे की भी मौत हो गई। यह नवजात दस दिन का था। इससे पहले 21 दिन की नवजात बच्ची की भी वार्मर के बढ़े तापमान की वजह से मौत हो गई थी।
उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में भीलवाड़ा के सरकारी महात्मा गांधी जिला अस्पताल में वार्मर के बढ़े तापमान से झुलसे दूसरे नवजात बच्चे की भी गुरुवार को मौत हो गई। यह नवजात दस दिन का था। इससे पहले बुधवार को 21 दिन की नवजात बच्ची की भी वार्मर के बढ़े तापमान की वजह से मौत हो गई थी।
परिजनों ने किया हंगामा
मासूमों की मौत के बाद अस्पताल में पीड़ित परिवार के सदस्यों व उनके रिश्तेदारों ने हंगामा किया और दोषी कर्मचारियों को कड़ी सजा दिलाए जाने तथा आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की मांग की। वार्मर की हीट से झुलसने के बाद मरने वाला दस दिन का बालक भीलवाड़ा के हुरड़ा निवासी विष्णु खटीक का है। उसने बताया कि बेटे को तबीयत खराब होने पर 22 अक्टूबर को एनआइसीयू में भर्ती किया गया था। प्री-मैच्योर और कम वजनी बच्चों को वार्मर पर रखा गया था। बुधवार तड़के तीन बजे उसकी बुआ, जब बालक को दूध पिलाने एनआइसीयू में पहुंची। तब बच्चे के झुलसा होने का पता चला। कर्मचारियों की लापरवाही से मशीन की हीट बढ़ गई थी। बेटे ने इलाज के दौरान गुरुवार को दम तोड़ दिया।
24 घंटे का अल्टीमेटम, 31 को भीलवाड़ा बंद की चेतावनी
मासूमों की मौत हो लेकर परिजनों के अलावा कई सामाजिक संगठन भी सामने आए हैं। उन्होंने इस मामले को गंभीर बताया है और अगले 24 घंटे में पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो आगामी 31 अक्टूबर को भीलवाड़ा बंद किए जाने की चेतावनी दी है।
बिना प्रशिक्षण के एनआइसीयू में लगाए कर्मचारी
मामले में परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की इस मामले में गंभीर लापरवाही है। उन्होंने एनआइसीयू में लगाए गए स्टाफ को प्रशिक्षण नहीं दिलाया। वह ना तो वार्मर मशीन चलाना जानते थे और ना ही उस कंट्रोल करना। इसके चलते आवश्यकता से अधिक हीट दिए जाने से दो बच्चे जलते रहे और वहां मौजूद कर्मचारियेां को इसका पता भी नहीं चला। परिजन अपने बच्चों को देखने गए तब उनके झुलसने का पता चला था।
संयुक्त निदेशक पहुंचे जांच करने
इस मामले को लेकर मेडिकल विभाग के संयुक्त निदेशक इंद्रजीत सिंह गुरुवार शाम महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे तथा उन्होंने एनआइसीयू में मशीनों की जांच की। इधर, परिजनों ने दो महीने पहले 48 ठेकाकर्मियों को लगा दिया, किन्तु उन्हें रेडियंट वार्मर चलाने और नवजातों को ट्रीट करने की ट्रेनिंग नहीं दी गई। हास्पिटल के अधीक्षक डा. अरुण गौड़ ने संयुक्त निदेशक इंद्रजीत सिंह को बताया कि मामले में रात को एनआइसीयू में ड्यूटी कर रहे ठेका कर्मचारी समीर रंगरेज व अहमद अली को हटा दिया गया है। मामले में कमेटी का गठन किया गया है, जिसे जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए है। कमेटी की रिपोर्ट आते ही दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी।
एक दिन पहले 21 दिन की नवजात बच्ची की मौत
महात्मा गांधी के एनआइसीयू के बुधवार को चित्तौड़गढ़ के मरमी गांव के रहने वाले पप्पू वैष्णव की 21 दिन की नवजात बेटी की मौत हो गई थी। परिजनों के हंगामे के बाद हास्पिटल अधीक्षक ने डाक्टरों की जांच कमेटी गठित की थी। इस मामले में अस्पताल के दो कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं।
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