Rajasthan: पंचायत के फरमान से परेशान बुजुर्ग ने की आत्महत्या की कोशिश, जानें-क्या है मामला
Rajasthan पंचायत के फरमान से परेशान वृद्ध के जहर खाने से मामला उजागर हुआ है। घटना पाली जिले के सोजत के बीलावास कस्बे से जुड़ी है। यहां तबीयत बिगड़ने के बाद उसे सोजत और बाद में जोधपुर रेफर कर दिया गया।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Thu, 17 Feb 2022 11:08 PM (IST)
जोधपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में जोधपुर संभाग के पाली जिले में पंचायत के फरमान का एक मामला सामने आया है। पंचायत के फरमान से परेशान वृद्ध के जहर खाने से मामला उजागर हुआ है। घटना पाली जिले के सोजत के बीलावास कस्बे से जुड़ी है। यहां तबीयत बिगड़ने के बाद उसे सोजत और बाद में जोधपुर रेफर कर दिया गया। इसके बाद जोधपुर के महात्मा गांधी साल में वृद्ध का इलाज जारी है। पीड़ित पक्ष ने नौ पट्टी पंचायत पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है और आत्महत्या करने पर विवश होने की बात कही है। जहर खाने वाले वृद्ध मूलाराम प्रजापत की बेटी राजेश्वरी ने बताया कि बीलावास में नौ पट्टी की पंचायत बैठी थी। यहां पर उसके पिता को पूरे दिन सुबह नौ बजे से शाम तक खड़ा रखा गया। बेटी का कहना है कि उन्हें तीन साल से समाज से बहिष्कृत कर रखा है। समाज में वापसी के लिए पंचों ने 25 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया। इससे दुखी हो उसके पिता ने जहर खा लिया। जहर खाने से तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजनों को पता चला।
जानें, क्या है मामला पीड़ित मूलाराम की बेटी की करीब 13 वर्ष पूर्व शादी हुई थी। पति से अनबन के चलते वह पीहर ही रहने लग गई। यह बात जातीय पंचों को खटक गई। इसको लेकर समाज की पंचायत हुई। मूलाराम की बेटी के भरण-पोषण के लिए उसके पति से साढ़े 12 लाख रुपये लिए गए।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में प्रसंज्ञान लिया है। आयोग ने पूरे मामले को लेकर पाली जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की है। फिलहाल, इस मामले में किसी की कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। वहीं, पुलिस इस बारे में कुछ भी बोलने से कतरा रही है। बेटी राजेश्वरी का आरोप है कि इस मामले में अभी तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
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