Ajmer: रोगी को दर्द निवारक गोलियां खाना पड़ा महंगा, खराब के कगार पर पहुंची किडनी; डॉक्टर ने उपचार कर बचाया
ग्राम अजयसर निवासी 30 वर्षीय युवक को डॉक्टर की सलाह के बिना दर्द निवारक गोलियां खाना इतना महंगा पड़ गया कि उसकी किडनी खराब होने के कगार पर पहुंच गई। मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ रणवीर सिंह चौधरी ने रोगी का त्वरित उपचार कर उसे क्रोनिक किडनी रोगी होने से बचा लिया। रोगी को स्वस्थ अवस्था में हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 09 Sep 2023 12:07 AM (IST)
अजमेर, जेएनएन। ग्राम अजयसर निवासी 30 वर्षीय युवक को डॉक्टर की सलाह के बिना दर्द निवारक गोलियां खाना इतना महंगा पड़ गया कि उसकी किडनी खराब होने के कगार पर पहुंच गई। मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ रणवीर सिंह चौधरी ने रोगी का त्वरित उपचार कर उसे क्रोनिक किडनी रोगी होने से बचा लिया। रोगी को स्वस्थ अवस्था में हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है।
पेट में दर्द रहने पर खाता था दर्द निवारक गोलियां
परिवारजन के अनुसार, रोगी को कुछ दिनों से भोजन नहीं कर पाने, बार-बार उबकाई आने, बुखार रहने, शरीर पर सूजन आने तथा पेट दर्द रहने की शिकायत थी। उन्होंने बताया कि रोगी गैस सिलेंडर की गाड़ी चलाता है। गाड़ी में सिलेंडरों की उठाई-धरी करने के कारण पेट में दर्द रहने लगा तो वह दर्द निवारक गोलियों का सेवन करने लगा था। इससे उसकी तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी थी।
पहले कराया गया था सरकारी अस्पताल में भर्ती
उन्होंने बताया कि रोगी को मित्तल हॉस्पिटल लेकर पहुंचने से पहले भी उन्होंने पांच-सात दिन सरकारी अस्पताल का इलाज लिया था किन्तु राहत नहीं मिली। मित्तल हॉस्पिटल में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ रणवीर सिंह चौधरी को दिखाने पर उन्होंने रोगी को बिना समय गंवाए भर्ती कराने की सलाह दी, जहां उसका त्वरित उपचार किया गया और अब वह स्वस्थ है।21 पर पहुंच गया क्रिएटिनिन
डॉ रणवीर सिंह चौधरी ने बताया कि रोगी जब उनके पास आया था तब वह बेहोशी की तरफ जा रहा था। पेशाब आना बंद हो गया था। शरीर पर सूजन थी। जांच में पता चला कि रोगी के खून में यूरिया की मात्रा 276 थी जो कि सामान्य अवस्था में 10 से 45 तक होती है। वहीं, क्रिएटिनिन 21 मिलीग्राम पर पहुंच गया था सामान्य अवस्था में यह 0.7 से 1.3 मिलीग्राम तक ही होता है।
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उन्होंने बताया कि रोगी की गंभीर अवस्था को देखते हुए तुरन्त भर्ती कर उपचार शुरू किया गया। रोगी का डायलिसिस किया गया। रोगी की किडनी की बायोप्सी जांच कराई गई उसके आधार पर निदान किया गया। रोगी के शरीर से सूजन उतर गई है। डायलिसिस भी बंद हो गया है। क्रिएटिनिन भी 1.2 सामान्य हो गया है। रोगी को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई।
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