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Honey Trap: आइएसआइ के हनी ट्रैप में फंसा पोखरण फायरिंग रेंज के पास का व्यक्ति

Honey Trap लाठी गांव का 40 वर्षीय व्यक्ति सत्यनारायण पालीवाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के जाल में उलझकर हनी ट्रैप का शिकार हो गया। पाकिस्तान की एक युवती ने पालीवाल को अपने जाल में फंसाया और फिर वह लंबे समय से सेना से जुड़ी खुफिया जानकारी आइएसआइ को भेजता रहा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Thu, 07 Jan 2021 04:18 PM (IST)
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आइएसआइ के हनी ट्रैप में फंसा पोखरण फायरिंग रेंज के पास का व्यक्ति। फाइल फोटो
जयपुर, जागरण संवाददाता। Honey Trap: पाकिस्तान सीमा से सटी राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित पोखरण (पोकरण) फायरिंग रेंज के निकट स्थित लाठी गांव में हैनी ट्रैप का मामला सामने आया है। लाठी गांव का 40 वर्षीय व्यक्ति सत्यनारायण पालीवाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के जाल में उलझकर हनी ट्रैप का शिकार हो गया। पाकिस्तान की एक युवती ने पालीवाल को अपने जाल में फंसाया और फिर वह लंबे समय से सेना से जुड़ी खुफिया जानकारी आइएसआइ को भेजता रहा। भारतीय खुफिया एजेंसी पालीवाल पर पिछले एक माह से नजर रख रही थी। बुधवार आधी रात बाद उसको खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने पकड़ लिया। उससे पूछताछ चल रही है, लेकिन फिलहाल वह कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।

सूत्रों के अनुसार, पालीवाल करीब 10 माह पहले सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान की एक युवती के संपर्क में आया। इसके बाद वह हैनी ट्रैप का शिकार हो गया। युवती के मोह में फंस कर वह पोखरण फायरिंग रेंज सहित जैसलमेर व बाड़मेर जिलों की सैन्य गतिविधियों की जानकारी उसे उपलब्ध कराता रहा। ये दोनों जिले पाकिस्तान सीमा से सटे हुए हैं। युवती ने उसे भारतीय मूल की बताया था। वह उत्सुकता के नाम पर उससे सेना से जुड़ी अहम जानकारी व फोटो उससे मंगवाती रही। खुफिया एजेंसी ने कुछ समय पूर्व इसके संदेश पकड़े थे,जिसके बाद उस पर नजर रखना शुरू किया गया। बुधवार आधी रात तीन खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीम ने पालीवाल को पकड़ा और पूछताछ शुरू की। बृहस्पतिवार को भी उससे पूछताछ जारी रही। अब उसे जयपुर जाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पोखरण देश की सबसे बड़ी फायरिंग रेंज है। यहां नियमित रूप से हथियारों व सैन्य सामानों का ट्रायल चलता रहता है। सेना व पुलिस के अधिकारियों ने फिलहाल इस बारे में अधिकारिक जानकारी देने से इनकार किया है।

ऐसे फंसाती है अपने जाल में

सेवानिवृत सैन्य अधिकारियों का कहना है कि नाम से ही जाहिर है हनी यानि शहद और ट्रैप का मतलब होता है जाल। एक ऐसा मीठा जाल जिसमें फंसने वाले को अंदाजा ही नहीं होता कि वह क्या कर रहा है और कैसे फंस रहा है। वह किसका शिकार बनने जा रहा है। सुंदर महिला एजेंट्स सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को अपने जाल में फंसाती है। इस मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को माहिर माना जाता है। सोशल मीडिया पर ये महिलाएं अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों से दोस्ती करती है, उनका भरोसा जीतने का काम करती है। इसके बाद उन्हें अपने जाल में फंसाती चली जाती है। एक बार फंसले के बाद उनके जाल से बाहर निकलना मुश्किल होता है। कई बार ये महिलाएं उनकी पहचान उजाकर करने के नाम पर लगातार ब्लैकमेल करती है। सीमावर्ती इलाकों पर इनकी विशेष नजर रहती है।

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