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अमृतपाल और इंजीनियर राशिद के चुनाव जीतने पर ओम बिरला ने कह दी बड़ी बात, बताई शपथ दिलाने की वजह

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मजबूत विपक्ष से लोग अपनी बात को उचित तरीके से रखने की उम्मीद करते हैं। लोग यह भी चाहते हैं कि संसद और सड़क की बहस में अंतर होना चाहिए। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पद पर चुनाव को एक जीवंत और संपन्न लोकतंत्र का संकेत बताया है। अमृतपाल और इंजीनियर राशिद के चुनाव जीतने पर प्रतिक्रिया भी दी।

By Agency Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 07 Jul 2024 04:53 PM (IST)
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कोटा से सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला। (फाइल फोटो)
पीटीआई, कोटा। लोकसभा अध्यक्ष पद पर चुनाव को ओम बिरला ने जीवंत और संपन्न लोकतंत्र का संकेत बताया। लोकसभा अध्यक्ष पद पर पिछला चुनाव 1976 में हुआ था। इस बार विपक्ष ने ओम बिरला के खिलाफ कांग्रेस सांसद के. सुरेश को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि मत विभाजन की नौबत नहीं आई और बिरला ने ध्वनिमत से चुनाव जीता था।

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अमृतपाल और इंजीनियर राशिद को जनता ने चुनाव

कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह और आतंकवाद के वित्तपोषण मामले के आरोपी इंजीनियर राशिद के जेल से चुनाव जीतने पर बिरला ने कहा कि दोनों सदस्यों को जनता ने चुना है। लोकसभा के प्रक्रिया नियमों और अदालतों के आदेश के अनुसार शपथ दिलाई है। निर्दलीय अमृतपाल ने पंजाब के खडूर साहिब और इंजीनियर राशिद ने जम्मू-कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव जीता है।

सड़क और संसद की बहस में अंतर होना चाहिए

24 जून से 3 जुलाई तक 18वीं लोकसभा का पहला सत्र चला। यह सत्र बेहद हंगामेदार रहा है। हंगामा और विपक्ष के व्यवधान पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद और सड़कों पर होने वाली बहसों में अंतर होना चाहिए। संसद सत्र के दौरान विपक्ष नीट-यूजी पेपर लीक विवाद और मणिपुर समेत कई मुद्दों पर भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर हमला बोला था। राज्यसभा और लोकसभा में कई बार कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा था।

विचारों की विविधता जरूरी

ओम बिरला ने कहा कि सहमति और असहमति लोकतंत्र का हिस्सा हैं। विविध विचार होने चाहिए। विचारों की विविधता के कारण होने वाले मंथन से सरकार को भी रचनात्मक तरीके से मदद मिलती है। सरकार को भी सभी के विचारों के बारे में पता चलता है। जितने अधिक विचार होंगे, उतना ही बेहतर होगा।

मजबूत विपक्ष से लोगों को उम्मीद

बिरला ने कहा कि अध्यक्ष के रूप में उनका प्रयास रहा है कि सांसदों को अपने विचार रखने का अवसर मिले। सदन में आधी रात तक बैठक भी हुई। सदन में मजबूत विपक्ष लोगों के विचारों को व्यवस्थित तरीके से व्यक्त करने का अवसर है।

राहुल गांधी का विपक्ष का नेता होने और विपक्षी सांसदों की संख्या अधिक होने से जुड़े सवाल पर बिरला ने कहा कि ये चुनौतियां नहीं बल्कि अवसर हैं। लोग एक मजबूत विपक्ष से उम्मीद करते हैं कि वह अपने विचारों को उचित तरीके से व्यक्त करे और राष्ट्रीय हितों के मामलों पर पूरा सदन एकमत हो।

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