Pollution In Rajasthan: राजस्थान के आठ शहरों में बढ़ा प्रदूषण, जोधपुर रेड जोन में पहुंचा
Pollution In Rajasthan राजस्थान में दीपावली की रात जमकर हुई आतिशबाजी से से आठ शहरों की हवा में प्रदूषण घुल गया। प्रदूषण के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा प्रदूषण जोधपुर में बढ़ा है।
By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Tue, 25 Oct 2022 07:23 PM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। Pollution In Rajasthan: राजस्थान में दिवाली (Diwali) की रात जमकर हुई आतिशबाजी (Fireworks) से से आठ शहरों की हवा में प्रदूषण घुल गया। प्रदूषण के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा प्रदूषण जोधपुर (Jodhpur) में बढ़ा है। जोधपुर प्रदूषण (Pollution) के रेड जोन में आ गया। यहां मंगलवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर 300 के पार पहुंच गया।
जयपुर में 65 फीसद प्रदूषण बढ़ा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, मंंगलवार सुबह पाली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 265 तक पहुंच गया। राजस्थान की राजधानी जयपुर में मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 257 तक पहुंच गया। यह सामान्य दिनोंसे दस अंक ज्यादा है। जयपुर में करीब 65 फीसद प्रदूषण बढ़ा है। कोटा, भिवाड़ी, अजमेर, अलवर और उदयपुर शहरों में भी प्रदूषण का स्तर अन्य दिनों की अपेक्षा बढ़ा है।
इन शहरों में भी बढ़ा प्रदूषण
बोर्ड के अनुसार, जयपुर, कोटा, पाली, भिवाड़ी और अजमेर शहर मंगलवार को आरेंज जोन में, वहीं उदयपुर व अलवर येलो जोन में है। एक दिन पहले अलवर ग्रीन जोन में था। प्रदेश के आठ शहरो में मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक धुंध नजर आई। प्रदेश के भिवाड़ी में पिछले दो दिन से प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों पर पानी की छिड़काव किया जा रहा है।भरतपुर में पटाखा चलाते समय पोता झुलसा, सदमें से दादा की मौत
राजस्थान के भरतपुर में दीपावली के दिन सोमवार रात को पटाखे चलाते हुए 16 वर्षीय किशोर ध्रुव खत्री 35 फीसदी झुलस गया। ओम को झुलसा देखकर उसके 90 वर्षीय दादा की मौके पर ही मौत हो गई। चिकित्सकों का मानना है कि पोते को झुलसे हुए देखकर सदमे के कारण मदन लाल की मौत हुई है। भरतपुर के सीकरी पिपला माता मंदिर के पास लिंकन खत्री का परिवार रहता है। सोमवार शाम को लिंकन अपनी पत्नी और बड़े बेटे के साथ घर के एक कमरे में पूजा कर रहे थे। वहीं, दूसरे कमरे में लिंकन के पिता मदन लाल और उनका छोटा बेटा घ्रुव छत पर बैठे थे। ध्रुव पटाखे चला था। इस दौरान ध्रुव के हाथ में पटाखा फट गया, जिससे वह झुलस गया।
सीने में अचानक दर्द हुआ और चली गई जान
ध्रुव को झुलसा हुआ देखकर मदन लाल के सीने में अचानक दर्द हुआ और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। स्वजन ध्रुव और मदनलाल को जिला अस्पताल लेकर गए। अस्पताल में चिकित्सकों ने मदन लाल को मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों का मानना है कि ध्रुव को झुलसे देखकर सदमें के कारण उनकी मौत हुई है। ध्रुव का पहले तो भरतपुर जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया, जहां से बाद में जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।यह भी पढ़ेंः राजीव गांधी ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस रद करने पर अशोक गहलोत ने जताई नाराजगी
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