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अब रिफाइनरी को लेकर केंद्र और राजस्थान सरकार के बीच टकराव की आशंका, प्रदेश पर बकाया हैं करीब 2500 करोड़

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) और पुरानी पेंशन योजना के बाद (ओपीएस) के बाद अब बाड़मेर के पचपदरा रिफाइनरी को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार के बीच टकराव के हालात उत्पन्न होने लगे हैं। राज्य सरकार पर 2500 करोड़ बकाया है।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Tue, 21 Feb 2023 11:12 PM (IST)
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रिफाइनरी को लेकर केंद्र और राजस्थान सरकार के बीच टकराव की आशंका
जागरण संवाददाता, जयपुर: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) और पुरानी पेंशन योजना के बाद (ओपीएस) के बाद अब बाड़मेर के पचपदरा रिफाइनरी को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार के बीच टकराव के हालात उत्पन्न होने लगे हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने मंगलवार को पचपदरा में मीडिया से कहा कि राजस्थान सरकार रिफाइनरी निर्माण में अपने हिस्से का पैसा नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर 2500 करोड़ बकाया है। ऐसे में राजस्थान सरकार की हिस्सेदारी को 26 से घटाकर 16 फीसदी कर देंगे।

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निर्माणाधीन रिफाइनरी का दौरा करने के बाद हरदीप पुरी ने कहा कि इसका लगभग आधा काम पूरा हो चुका है। रिफाइनरी का जब प्रोजेक्ट बना था, तब केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी तय हो गई थी। केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 74 एवं राज्य सरकार की 26 प्रतिशत तय हुई थी। उन्होंने कहा कि साल,2017 में अनुमानित लागत 43,129 करोड़ रुपये आंकी गई। इसके बाद कोरोना में रिफाइनरी का काम रुक गया और और 2017 से 2021-22 तक स्टील के दामों में 45 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई।

इस हिसाब से अनुमानित लागत में भी बढ़ोतरी हुई और अगस्त, 2021 तक राज्य सरकार की ओर से रिफाइनरी के लिए 2500 करोड़ का अतिरिक्त बजट आना था। राजय सरकार यह बजट नहीं दे सकी। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार बकाया राशि 2500 करोड़ रुपये चुका दे तो 40 फीसदी तक उसकी हिस्सेदारी हो सकती है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो भारत सरकार रिफाइनरी का काम पूरा करवा कर राज्य सरकार की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत कर देगी।

2024 में परियोजना पूरी होगी

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि साल, 2024 में रिफाइनरी का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। रिफाइनरी में मार्डन स्कूल और अस्पताल भी खोले जाएंगे। मौके पर मौजूद केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि पचपदरा में बनने वाली रिफाइनरी एशिया की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी। जिसका आधा काम पूरा हो गया है। एक लाख लोगों को इससे रोजगार मिलेगा। प्रतिवर्ष नौ मिलियन ट्रन क्रूड आयल रिफाइन होगा। साथ ही प्रतिवर्ष दो मिलियन टन पेट्रो कैमिकल्स कॉम्प्लेक्स की क्षमता होगी। पचपदरा में ग्रीन फील्ड रिफाइनरी पेट्रोल कैमिकल काॅम्प्लेक्स की स्थापना को लेकर राज्य सरकार और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) के बीच 18 अप्रैल 2017 में एमओयू हुआ था।

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