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'मोबाइल और बुरी संगत है छात्रों के सुसाइड की वजह' कोटा में आत्महत्या के मामले में बोले सीएम गहलोत के मंत्री

Rajasthan News राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कोटा में छात्रों की खुदकुशी के मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। खाचरियावास ने कहा कि मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल और गलत संगति के लोगों के साथ बैठने के कारण छात्र सुसाइड कर रहे हैं। बता दें कि रविवार को दो छात्रों ने खुदकुशी कर ली है। मामले की जांच जारी है।

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiUpdated: Mon, 28 Aug 2023 12:46 PM (IST)
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कोटा में आत्महत्या के मामले में बोले सीएम गहलोत के मंत्री (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जयपुर, ऑनलाइन डेस्क। राजस्थान के कोटा में छात्रों की खुदकुशी के मामले थम नहीं रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 20 से ज्यादा छात्र अपनी जान ले चुके हैं। इससे पहले, कल यानी रविवार को दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी। एक छात्र ने कोचिंग संस्थान की छठी मंजिल से छलांग लगा ती, जबकि दूसरे छात्र ने पंखे पर फंदा डालकर अपनी जान दे दी। छात्रों की आत्महत्या को लेकर अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का बयान सामने आया है।

प्रताप सिंह खाचरियावास ने छात्रों की आत्महत्या की वजह बताई है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि लगातार मोबाइल देखने और गलत संगति के लोगों के साथ बैठने की वजह से छात्र आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा,

लगातार मोबाइल देखने की वजह से छात्रों में डिप्रेशन बढ़ रहा है। पहले आदमी परिवार के बीच बैठता था, बात करता था। युवाओं को गंदे लोगों का साथ छोड़ना चाहिए। गंदी संगति के साथ बैठने से ऐसी भावनाएं आ रही हैं। छात्र अच्छी संगति के लोगों के साथ बैठे, पॉजिटिव सोचें। हमारी अपील है कि आप अपनी पढ़ाई करें। आप इस देश का भविष्य हो।

कोचिंग सेंटरों में टेस्ट पर रोक

राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने खुदकुशी के बढ़ते मामले के चलते अहम फैसला लिया है। जिला कलेक्टर की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, कोटा की कोई भी कोचिंग सेंटर आने वाले दो महीनों तक परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगी।

रविवार को दो छात्रों ने किया सुसाइड

27 अगस्त को कोटा में दो छात्रों ने सुसाइड कर लिया है। एक छात्र ने रविवार दोपहर कोचिंग संस्थान की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। वहीं, दूसरे छात्र ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। कोटा में इस साल अब तक आत्महत्या के लगभग 24 मामले सामने आ चुके हैं।

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