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Rajasthan: राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख शांता अक्का बोली, हमारे देश की महिलाएं हर परेशानी के बावजूद भी खुश

राष्ट्र सेविका समिति प्रमुख शांता का कहना है हमारा मूल उद्देश्य महिलाओं को राष्ट्र के प्रति जागृत करना तेजस्वी हिंदू राष्ट्र का पुनर्निर्माण करना है। इस काम में वह जुटी है। इसलिए मंगलवार को निंबाहेड़ा से चित्तौड़गढ़ आईं। वह बुधवार केा भीलवाड़ा जाएंगी ओर वहां पथ संचलन में भाग लेंगी।

By Jagran NewsEdited By: PRITI JHAUpdated: Wed, 02 Nov 2022 08:07 AM (IST)
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Rajasthan: राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख शांता अक्का बोली, हमारे देश की महिलाएं हर परेशानी के बावजूद भी खुश
उदयपुर, संवाद सूत्र। राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख शांता अक्का का कहना है कि भारत की महिलाएं हर परिस्थिति में खुश रहना जानती हैं। उन्हें बड़ी से बड़ी परेशानी भी नहीं तोड़ सकती। शांता अक्का बुधवार को भीलवाड़ा में आयोजित पथ संचलन कार्यक्रम में भाग लेंगी और एक दिन पहले चित्तौड़गढ़ में मीडिया से बातचीत कर रही थी।

77 प्रतिशत महिलाएं परेशानियों के बावजूद खुश

उन्होंने कहा कि राष्ट्र सेविका समिति की महिलाओं ने देश के गांवों में जाकर सर्वे कार्य किया और इससे पता चला कि भारत में रहने वाले 77 प्रतिशत महिलाएं परेशानियों के बावजूद खुश है। वे मानती है कि उन्हें अपने परिवार को संभालना है। जिसे वह ध्यान में रखकर गमों की बजाय खुशियां तलाशने के लिए मेहनत से जुट जाती हैं। उन्होंने कहा कि यही हमारे देश की संस्कृति है। राष्ट्र सेविका समिति का उद्देश्य भी यही है कि महिलाओं में हम कॉन्फिडेंस जगाएं। इसके लिए हम ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को समिति से जोड़ने में लगे हैं।

हिंदू राष्ट्र का पुनर्निर्माण ही उद्देश्य

राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख शांता का कहना है कि हमारा मूल उद्देश्य महिलाओं को राष्ट्र के प्रति जागृत करना, तेजस्वी हिंदू राष्ट्र का पुनर्निर्माण करना है। इस काम में वह जुटी है। इसलिए मंगलवार को निंबाहेड़ा से चित्तौड़गढ़ आईं। वह बुधवार केा भीलवाड़ा जाएंगी ओर वहां पथ संचलन में भाग लेंगी।

उन्होंने बताया कि देश के अलग-अलग प्रांतों में जाकर समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य प्रवास में रहते हैं। उन्होंने बताया कि शुरूआत में राजस्थान की महिलाओं का समिति को सहयोग नहीं मिला लेकन अब काफी महिलाएं जुड़ने लगी हैं।

घुंघट में भी पथ संचलन में लेती हैं भाग

भारतीय महिलाओं में संस्कार और कॉन्फिडेंस इसी बात से दिखता है कि पथ संचलन में कई महिलाएं घुंघट के बावजूद भाग लेती हैं। उन्होंने बताया कि एक भारतीय महिला में ही इतनी शक्ति होती है कि वह आठ काम एक साथ कर सके। वह अपने परिवार की खुशी के लिए काम करती हैं। इससे परिवार के साथ देश का भी विकास होता है। वह कहती हैं कि हिंदू महिलाओं को मोके की जरूरत होती है, इसलिए हम उन्हें मौका देते हैं। उन्हें सेल्फ डिफेंस सिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं और पुरुष एक-दूसरे के पूरक होते हैं। जरूरत है कि उन्हें अवसर प्रदान किए जाएं।  

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