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राजस्थान के पुरखाराम साल में 300 दिन सोते हैं, ग्रामीण और परिजन बोलते हैं कुंभकर्ण

एक ऐसा व्यक्ति भी है जो साल में 300 दिन सोता है। उसके भोजन से लेकर नहाना और सभी काम नींद में होते हैं। सुनने में अजीब लगता। लेकिन 42 वर्षीय पुरखाराम अजीब बीमारी से ग्रसित है। ज्यादा सोने के कारण परिजन और गांव के लोग उसे कुंभकरण कहते हैं।

By Priti JhaEdited By: Updated: Thu, 15 Jul 2021 11:44 AM (IST)
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राजस्थान के पुरखाराम साल में 300 दिन सोते हैं, ग्रामीण और परिजन बोलते हैं कुंभकर्ण

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में नागौर जिले में भादवा गांव में एक ऐसा व्यक्ति भी है जो साल में 300 दिन सोता है। उसके भोजन से लेकर नहाना और सभी काम नींद में होते हैं। सुनने में अजीब लगता है। लेकिन 42 वर्षीय पुरखाराम अजीब बीमारी से ग्रसित है। ज्यादा सोने के कारण परिजन और गांव के लोग उसे कुंभकरण कहते हैं। पुरखाराम को नींद से जगाने के लिए परिजनों को 2 से 3 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ती है।

परिजनों की काफी कोशिश के बाद भी उनकी नींद मात्र 5 मिनट के लिए खुलती है। कई बार तो वह 20 से 25 दिन तक लगातार सोते हैं। उनकी नींद ही नहीं खुलती है। परिजनों का कहना है कि करीब 23 सााल पहले पुरखाराम को एक्सिस हायपरसोम्निया नाम की बीमारी हो गई थी। इस बीमारी के पीड़ित व्यक्ति को हमेशा नींद आती रहती है। पुरखाराम की पत्नी लिछमा देवी के अनुसार बीमारी की शुरूआत में वह 5 से 7 दिन तक सोते थे, लेकिन बाद में यह समय सीमा बढ़ती गई। अब महीने में 20 से 25 दिन तक वे सोते हैं। लिछमा देवी का कहना है कि कई बार जबरन जगाकर उन्हे कुर्सी पर बिठाया जाता है तो वे वहीं बैठे-बैठे ही सो जाते हैं।

दुकान भी बंद हो गई

परिजनों का कहना है कि 23 साल पहले तक गांव में पुरखाराम की दुकान थी। लेकिन बीमारी के कारण अब वह बंद है। अब पुरखाराम का पूरा परिवार खेती से गुजारा करता है। परिवार में मां कंवरी देवी और पत्नी लिछमाा के अतिरिक्त दो बेटियां सीमा व गीता है। बेटी सीमा ने बताया कि अगर बाथरूम जाना हो तो पुखराम नींद में बेचैन हो जाते हैं। वे नींद में ही नहाते हैं। नींद में ही परिजन खाना खिलाते हैं। कंवरी देवी का कहना है कि शुरूआत मेें कई डॉक्टरों से इलाज करवाया। लेकिन नींद की बीमारी कम होने के स्थान पर बढ़ती गई। सन 2015 के बाद से यह बीमारी ज्यादा बढ़ी है। 

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