Move to Jagran APP

राजस्थान: भ्रष्टाचार के खिलाफ ACB की बड़ी कार्रवाई, 5 हजार की रिश्वत लेने पर गिरफ्तार हुए 2 रेंजर और 1 वनपाल

एसीबी ने रेंजर बलराम पाटीदार को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत डूंगरपुर के रेंजर लोकेश और वनपाल अशोक ने बिछीवाड़ा नाके पर लकड़ी की गाड़ी छोड़ने के लिए मांगी थी। इन पर आरोप है कि इन्होंने गाड़ी छुड़ाने के लिए 45 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Wed, 17 Jul 2024 03:45 PM (IST)
Hero Image
5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार (फाइल फोटो)
पीटीआई, जयपुर। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने राजस्थान वन विभाग के दो रेंजरों और एक वनपाल को कथित तौर पर 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। एसीबी के महानिदेशक (डीजी) रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि शिकायत मिली थी कि डूंगरपुर रेंजर लोकेश और डूंगरपुर फॉरेस्टर अशोक ने एक व्यक्ति का वाहन जब्त किया था।

वाहन को छोड़ने के लिए शख्स ने 45,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। आरोपी ने शिकायतकर्ता को राजसमंद रेंजर बलराम पाटीदार को उनके कार्यालय में पैसे देने के लिए कहा था। शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी की राजसमंद यूनिट ने पाटीदार को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। डीजी पुलिस ने कहा कि लोकेश और अशोक को भी गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

जिला कलेक्टर ने ली थी रिश्वत

इससे पहले भी राजस्थान से एक भ्रष्टाचार का एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जमीन के भू-रूपांतरण के बदले 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में जिला कलेक्टर हनुमानमल ढाका को राज्य सरकार ने पद से हटा दिया था। बता दें कि ढाका और उनके पटवारी हंसराज के कार्यालय व आवासीय ठीकानों पर राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने छापेमारी की थी।

ये कार्रवाई दो दिन तक चली थी। ढाका के खिलाफ एसीबी को भ्रष्टाचार के कई सबूत मिले थे। ऐसे में सरकार ने कलेक्टर और पटवारी को पद से हटा दिया था।

यह भी पढ़ें: Rajasthan: कलेक्टर साहब पर गिरी गाज! 25 लाख रुपये रिश्वत लेने पर भजनलाल सरकार ने पद से हटाया, गिरफ्तारी संभव

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।