6 महीने की गर्भवती महिला को जंजीर से बांधा, कमर पर लगाया ताला; झाड़फूंक के नाम पर ली जान
बांसवाड़ा में एक 22 साल की गर्भवती महिला को जंजीर से बांधकर अस्पताल ले जाया गया महिला की ऐसी हालत देख डॉक्टर भी हैरान रह गए। महिला का नाम शीतल बताया जा रहा है वो खेड़िया गांव की रहने वाली हैं और 6 महीने की प्रेग्रेंट थीं। उन्हें जंजीर से बांधकर अस्पताल ले जाया गया करीब साढ़े चार घंटे इलाज के बाद महिला ने दम तोड़ दिया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के बांसवाड़ा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बांसवाड़ा में एक 22 साल की गर्भवती महिला को जंजीर से बांधकर अस्पताल ले जाया गया, महिला की ऐसी हालत देख डॉक्टर भी हैरान रह गए। महिला का नाम शीतल बताया जा रहा है, वो खेड़िया गांव की रहने वाली हैं, और 6 महीने की प्रेग्रेंट थीं। उन्हें जंजीर से बांधकर अस्पताल ले जाया गया, करीब साढ़े चार घंटे इलाज के बाद महिला ने दम तोड़ दिया।
पीड़िता के पिता श्यामलाल गरासिया उसे सुबह 10 बजे एमसी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, इसके बाद महिला को अस्पताल में एडमिट कर लिया गया और 2:30 बजे उसकी मौत हो गई।
महिला को जंजीर से क्यों बांधा गया?
अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि महिला को अस्पताल जंजीर से बांधकर क्यों ले जाया गया, महिला के परिजनों ने बताया कि महिला बीमार चल रही थी, जब भोपा से महिला का इलाज कराया गया तो भोपा के लोगों ने महिला के शरीर में जंजीर बांधने को कहा।
कुशलगढ़ एएसआई सोहनलाल ने इस मामले में बताया- खेड़िया गांव की निवासी शीतल छह महीने की प्रेग्नेंट थी। वह महीने से बीमार चल रही थी। पिता श्यामलाल गरासिया बुधवार सुबह 10 बजे उसे एमजी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। महिला को एडमिट कर लिया गया। दोपहर 2.30 बजे उसकी मौत हो गई। शीतल का ससुराल पाड़ला गांव में है।
क्या था कोई भूत-प्रेत का साया?
बता दें कि महिला लंबे समय से बीमार चल रही थी, उसे डॉक्टर को दिखाया तब भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं देखा गया, वो अजीब -सी हरकतें करती थीं, इसलिए उसे भोपा के पास ले जाया गया, भोपा ने बताया महिला पर भूत-प्रेत का साया है, इसलिए उसे जंजीर से बांधने और ताला लगाने की सलाह दी गई। ताला लगाते ही वो बेहोश हो गई, इसके बाद उसे पहले ताम्बेसरा पीएचसी लेकर गए, फिर सज्जनगढ़ सीएचसी और उसके बाद बांसवाड़ा जिला हॉस्पिटल लेकर पहुंचे।
बता दें कि महिला का पति शैलेश गुजरात के अहमदाबाद में मजदूरी करता था, शीतल काफी दिन से बीमार थी, इसलिए उसका पति उसे 13 दिन पहले पीहर खेड़िया छोड़ गया था। 10 दिन पहले भी बांसवाड़ा हॉस्पिटल में दिखाया था।