'वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करें, उन्हें दरकिनार करने से कभी मदद नहीं मिलती', कर्नाटक से भाजपा ने सीखा बड़ा सबक
कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजों से राजस्थान के भाजपा नेताओं ने सबक लिया है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करना चाहिए। उन्हें दरकिनार करने से कभी मदद नहीं मिलती। अगर उन्हें दरकिनार करने की कोशिश की जाएगी तो वे और उनके अनुयायी पार्टी छोड़ देंगे।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 14 May 2023 11:31 AM (IST)
जयपुर, आईएएनएस। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जोरदार जीत ने राजस्थान में भाजपा को हैरान कर दिया है। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता कह रहे हैं कि कर्नाटक में कड़ा मुकाबला था, लेकिन उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि कांग्रेस अकेले बहुमत हासिल कर लेगी।
'भाजपा पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को लेकर कम चिंतित रहती है'
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "ऐसा होता रहता है। जिन्हें टिकट नहीं मिलता है, वे पार्टी छोड़ देते हैं और भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो ऐसे नेताओं के बारे में सबसे कम चिंतित है। हम मैनेज कर सकते हैं। गुजरात एक ऐसा ही राज्य था और हमने वहां जीत दर्ज की थी।"
अब राजस्थान पर होगा भाजपा का फोकस
अन्य नेताओं ने कहा कि मई के बाद बीजेपी का फोकस राजस्थान पर होगा। हमारी सरकार बनाने के लिए पार्टी के नेता यहां डेरा डाले रहेंगे। पार्टी कर्नाटक चुनाव खत्म होने का इंतजार कर रही है और फिर हम वरिष्ठ नेताओं पर एक रुख अपनाएंगे कि उन्हें समायोजित किया जाना चाहिए या किसी भूमिका से वंचित किया जाना चाहिए।सीएम चेहरे पर अभी अपने पत्ते नहीं खोल रही भाजपा
भगवा पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ''दरअसल पार्टी अभी वरिष्ठ नेताओं पर खामोश है और अभी सीएम चेहरे पर अपने पत्ते नहीं खोल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पोस्टर वापस आ गए हैं। उन्हें और उनके अनुयायियों को सभी कार्यक्रमों में सम्मानजनक स्थान दिया जा रहा है, जबकि पहले उन्हें दरकिनार कर दिया गया था। ऐसा इसलिए है, क्योंकि पार्टी सबक सीखती दिख रही है कि वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने से कभी मदद नहीं मिलती। अगर आप उन्हें दरकिनार करने की कोशिश करेंगे तो ये नेता और उनके अनुयायी आपको छोड़ देंगे।''
राजे खेमा और जाट लॉबी नाराज
भाजपा नेता ने कहा कि राजस्थान में भी पार्टी ने पहले राजे और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया को दरकिनार किया था। जहां राजे खेमा नाराज था, वहीं बाद में पूनिया को हटाए जाने के तरीके से जाट लॉबी भी नाराज हो गई। जयपुर में पार्टी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए। यहां तक कि आरएसएस के नेताओं ने भी पुनिया को हटाए जाने के तरीके पर नाराजगी जताई।''वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करना चाहिए''
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "अब ऐसा लगता है कि समय आ गया है, जब पार्टी को यह सबक सीखना चाहिए कि वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करना चाहिए। वे बदले में बूथ कार्यकर्ताओं की प्रेरणा को रिचार्ज करेंगे, जो पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगे।" उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं द्वारा गुटबाजी को बढ़ावा दिया जा रहा है। वरिष्ठ नेता सम्मान के पात्र हैं और युवा नेतृत्व को पोषित करने की आवश्यकता है। आशा है कि पार्टी कर्नाटक चुनाव परिणामों से सीख लेगी। मोदी का चेहरा हमेशा जीत सुनिश्चित नहीं कर सकता। हिमाचल प्रदेश के चुनावों में भी यह साबित हुआ।
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