Rajasthan: बिना कोर्ट की अनुमति के विदेश नहीं जा सकेंगे सीएम भजनलाल, पढ़ें क्या है पूरा मामला
Rajasthan राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बिना अदालत की अनुमति के विदेश की यात्रा नहीं कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह 2011 के एक मामले में आरोपी हैं। उन्होंने अदालत में हाजिर माफी पत्र दायर करते हुए कहा था कि अक्सर सरकार के काम से उन्हें बाहर जाना होता है इसलिए उन्हें हाजिर माफी दी जाए। अदालत ने यह अर्जी ठुकरा दी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में भरतपुर जिले के गोपालगढ़ दंगा मामले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की स्थायी हाजिर माफी के प्रार्थना पत्र को जयपुर जिला अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-चार की अदालत ने खारिज कर दिया है।
न्यायाधीश अनामिका ने सीएम के प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए कहा कि मामले में ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है कि मुख्यमंत्री को न्यायालय में पेश होने से स्थायी रूप से छूट दी जाए। सीएम की ओर से दायर प्रार्थना पत्र में कहा गया कि याचिकाकर्ता प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, अक्सर सरकार के काम से बाहर जाना होता है। सरकार के काम से विदेश भी जाना होता है। ऐसे में प्रार्थना पत्र स्वीकार करके स्थायी हाजिर माफी प्रदान की जाए।
जमानत पर हैं सीएम
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि भजनलाल शर्मा जमानत पर हैं। मामला साक्ष्य अभियोजन की स्टेज पर हैं। वहीं आरोपित को इसी शर्त पर जमानत दी गई थी कि वह न्यायालय में आवश्यकता होने पर उपस्थित होते रहेंगे। वर्तमान में ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है कि आरोपित न्यायालय की ओर से तलब करने पर उपस्थित होने में असमर्थ हो।कोर्ट ने कहा कि उन्हें जब भी न्यायालय तलब करें तो उस समय उपस्थित होना है। वहीं जिस दिन उपस्थित नहीं हो, उस दिन के लिए उनके वकील हाजिर माफी पेश कर सकते हैं। न्यायालय के मतानुसार वर्तमान में ऐसी कोई परिस्थिति नहीं होने के कारण प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाता है।
11 साल से लंबित हैं मामला
न्यायालय ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता जाहिदा खान, पूर्व विधायक अनिता सिंह गुर्जर के जमानत पर विदेश जाने पर न्यायालय को सूचित करने की शर्त हटाने के प्रार्थना पत्र को भी खारिज किया है।मालूम हो कि यह मामला पिछले 11 साल से न्यायालय में लंबित है। साल, 2011 में गोपालगढ़ में हुए दंगे में सीएम शर्मा, प्रदेश सरकार के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, जाहिदा और उनके पति जमशेद खान, प्रमोद शर्मा, भाजपा नेता गिरधारी तिवारी, केसरी सिंह सहित अन्य आरोपितों को 10 सितंबर, 2023 को सशर्त अग्रिम जमानत मिली थी। शर्त थी कि न्यायालय की मंजूरी के बिना देश से बाहर नहीं जा सकेंगे।
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