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सचिन पायलट ने उड़ाई कांग्रेस आलाकमान की नींद, सभी समाजों व कार्यकर्ताओं में स्वीकार्यता दिखाने में जुटे पायलट

महापंचायतों का दौर अप्रैल तक पूरा करने के बाद दलित बहुल इलाकों का दौरा करने की योजना बनाई जा रही महांचायत केजरिए पायलट एक तरफ तो गहलोत को अपनी ताकत दिखाने में जुटे हैं यह संदेश भी देने का प्रयास कर रहे कि सभी समाजों में उनकी स्वीकार्यता है ।

By PRITI JHAEdited By: Updated: Mon, 22 Feb 2021 01:30 PM (IST)
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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट किसान महापंचायत कर लगातार शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट किसान महापंचायत कर लगातार शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके शक्ति प्रदर्शन ने कांग्रेस आलाकमान की नींद उड़ा दी है। पूर्वी राजस्थान के तीन जिलों में वे किसान महापंचायत कर अब तक शक्तिप्रदर्शन कर चुके हैं। अब वे जोधपुर और अजमेर संभाग में किसान महापंचायत के नाम पर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। पायलट खेमे के वरिष्ठ विधायक विश्वेंद्र सिंह, हेमाराम चौधरी, रमेश मीणा, मुकेश भाकर व जी.आर.खटाना सीएम के गृह संभाग जोधपुर व अजमेर में किसान महापंचायत की तैयारियों में जुटे हैं।

अगले एक-दो दिन में इन महापंचायतों की तारीख घोषित होगी। अब तक गुर्जर और मीणा बहुल इलाकों में शक्ति प्रदर्शन करने के बाद पायलट अब जाट बहुल बाड़मेर, अजमेर व नागौर जिलों में अपनी ताकत दिखाएंगे। इसके बाद जोधपुर जिले में उनकी महापंचयात होगी।

जानकारी के अनुसार महापंचायतों का दौर अप्रैल तक पूरा करने के बाद दलित बहुल इलाकों का दौरा करने की योजना बनाई जा रही है। इसकी कमान विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने संभाली है। महांचायत के जरिए पायलट एक तरफ तो आलाकमान और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी ताकत दिखाने में जुटे हैं, वहीं यह संदेश भी देने का प्रयास कर रहे हैं कि सभी समाजों में उनकी स्वीकार्यता है। पिछले सप्ताह जयपुर जिले के कोटखावदा में हुई पायलट की किसान महापंचायत में जुटी भीड़ को देखते हुए आलाकमान भी सक्रिय हुआ है। आलाकमान चाहता है कि अब विधानसभा का बजट सत्र खत्म होने के बाद पायलट समर्थक विधायकों को मंत्री और राजनीतिक नियुक्तियों के माध्यम से सरकार में जगह दी जाए। इसके लिए प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन एक बार फिर सक्रिय हुए हैं।

हालांकि माकन दो बार पहले भी सार्वजनिक रूप से पहले दिसंबर और फिर जनवरी में राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरा करने का वादा कर चुके,लेकिन सीएम गहलोत ने उनकी एक नहीं मानी। चार विधानसभा सीटों पर अप्रैल के पहले सप्ताह तक संभावित उप चुनाव को देखते हुए सीएम गहलोत फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां करने के मूड में नहीं है।

उधर पायलट खेमे में खुशी इस बात को लेकर है कि गहलोत खेमे के दो विधायक प्रशांत बैरवा और विरेंद्र सिंह उनके साथ आ गए । कोटखावदा की महापंचायत में इन दोनों सहित कुल 16 विधायक शामिल हुए थे । पायलट खेमे के दो विधायक पारिवारिक कारणों से महापंचायत में नहीं पहुंच सके ।

यह है पायलट की रणनीति

पायलट के निकटस्थों के अनुसार फिलहाल वे अभी ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे उन पर बगावत के आरोप लगे । पायलट प्रदेश के विभिन्न इलाकों में कृषि कानून के विरोध के नाम पर महापंचायत करते रहेंगे। इनमें पायलट के साथ ही सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सीएम गहलोत के कटाउट व कांग्रेस के झंडे लगाए जाएंगे। महापंचायतों में भीड़ जुटाकर आलाकमान तक यह संदेश पहुंचाने की रणनीति है कि पार्टी का भविष्य प्रदेश में वे ही हैं। कार्यकर्ताओं को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करेंगे कि वे ही अगला चेहरा हैं । 

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