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Rajasthan Day 2022: जानिए, कब और क्यों मनाया जाता है राजस्थान दिवस? क्या है यहां की खूबियां

Rajasthan Day 2022 देश आजाद होने से पहले यहां अनेक राजा-महाराजाओं ने राज किया था। इससे पहले राजस्‍थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता था और कुल 19 रियासतों को मिलाकर यह राज्‍य बना था। राजस्थान दिवस को ही राजस्‍थान स्‍थापना दिवस भी कहते हैं।

By Priti JhaEdited By: Updated: Wed, 30 Mar 2022 10:47 AM (IST)
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Rajasthan Day 2022: क्यों और कब मनाया जाता है राजस्थान दिवस? जानें, क्या है इसकी वजह
नोएडा, आनलाइन डेस्‍क। Rajasthan Day 2022: राजस्थान दिवस (Rajasthan Divas) या कहे राजस्थान स्‍थापना दिवस (Rajasthan Sthapana Divas) प्रतिवर्ष मार्च महीने के 30 तारिख को मनाया जाता है । राजस्‍थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्‍य एवं जनसंख्‍या के दृष्टि से सातवां सबसे बड़ा राज्‍य है। जानकारी के अनुसार राजस्‍थान का कुल क्षेत्रफल कुल 342,239 वर्ग किलोमीटर है। हर साल के तीसरे महीने में यानि कि मार्च में 30 तारीख को राजस्थान दिवस मनाया जाता है।

जानकारी हो कि राजस्‍थान का शाब्दिक अर्थ राजाओं का स्‍थान होता है। यानि कि राजाओं की भूमि। चूंकि देश आजाद होने से पहले यहां अनेक राजा-महाराजाओं ने राज किया था। इससे पहले राजस्‍थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता था और कुल 19 रियासतों को मिलाकर यह राज्‍य बना था । 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर 'वृहत्तर राजस्थान संघ' बना। इस दिन को राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति और बलिदान को नमन किया जाता है। राजस्थान दिवस को ही राजस्‍थान स्‍थापना दिवस भी कहते हैं।  

जानकारी हो कि इस साल राजस्थान दिवस की तैयारियां एक सप्ताह से पहले शुरू हो चुकी हैं। पिछले दो साल से कोरोना महामारी के चलते राजस्थान उत्सव के आयोजन को भव्य रूप में नहीं मनाया गया। प्रदेश के कई जिलों में भी कार्यक्रम के दौरान कलाकारों को अधिक से अधिक शामिल किया जाएगा, इसको लेकर प्रशासनिक तौर पर भी पूरा ध्यान रखा गया। राजस्थान दिवस का कार्यक्रम बड़े स्तर पर जयपुर में किया जाना है। राजस्थान दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम राज्य स्तरीय राजस्थान उत्सव समारोह को ग्राम पंचायत स्तर तक की आम जनता को वर्चुअल माध्यम से दिखाया जाएगा।

मालूम हो कि राजस्थान की खासियत भी यही है कि यहां पर हर थोड़ी दूरी पर भाषा का अंदाज बदल जाता है। इस भाषा में अधिक मात्रा में लोक गीत, संगीत, नृत्य, नाटक, कथा, कहानी आदि उपलब्ध है। हालांकि इस भाषा को संवैधानिक मान्यता प्राप्त नहीं है। इस कारण इसे स्कूलों में पढ़ाया भी नहीं जाता है। रंगीलो राजस्थान के कई तरह के लोक नृत्य, व्यंजन व अनेकों भाषाओं के मिश्रित समूह को राजस्थानी भाषा का नाम दिया गया है।

राजस्थान का इतिहास

जानकारी के अनुसार राजस्थान का अस्तित्व प्रागैतिहासिक काल से ही मिलता है। मेवाड़, मारवाड़, जयपुर, बुंदी, कोटा, भरतपुर और अलवर बड़ी रियासतें थीं। यहां चौहान, परमार, राठौड़, गहलोत वंशों का राज रहा है। मुगल और बाहरी आक्रमणों ने यहां के इतिहास को शौर्य गाथाओं से भर दिया। स्वाभिमान की जंग में पृथ्वी राज और महाराणा प्रताप से लेकर राणा सांगा, राणा कुंभा जैसे शूरवीर इस इतिहास को सहेजे रखा, वहीं तराइन, रणथंभौर, चित्तौड़, खानवा से लेकर हल्दी घाटी जैसे कई ऐतिहासिक युद्ध भी राजस्थान की धरती पर लड़े गए।

मालूम हो कि 30 मार्च को राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर राजस्थान उत्सव के दौरान कानून व्यवस्था ट्रैफिक संचालन पार्टी कार्यक्रम स्थल पर साफ-सफाई, रंग रोगन, अग्निशमन व्यवस्था, पेय जल, शौचालय, शहर के प्रमुख द्वारों पर रोशनी की व्यवस्था आदि को लेकर संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

अधिकारियों के अनुसार राजस्थान उत्सव के रंगारंग प्रोग्राम को इतने भव्य स्तर पर आयोजित होने वाले आकर्षक कार्यक्रम को जयपुर की जनता के साथ सभी लोग देखें। जिसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर ई-मित्र राजीव गांधी सेवा केंद्र और शहरों में उचित पंचायत स्तर पर बड़े स्क्रीन पर दिखाया जाने की व्यवस्था की गई है।

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