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Rajasthan election 2023: CM का चेहरा घोषित नहीं करेगी BJP, PM मोदी के नाम और नौ साल के काम पर लड़ेगी चुनाव

राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और नौ साल के कार्यकाल पर विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल के फूल एवं मोदी सरकार की योजनाओं को आधार बनाकर वोट मांगा जाएगा। चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री तय किया जाएगा। हालांकि पार्टी की प्रचार सामग्री में वसुंधरा राजे सी.पी.जोशी और राजेंद्र राठौड़ के फोटो लगाए जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Ajay SinghUpdated: Tue, 11 Jul 2023 02:06 PM (IST)
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राजस्थान में पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे और नौ साल के कार्यकाल पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी बीजेपी।
 नरेन्द्र शर्मा, जयपुर।  राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और नौ साल के कार्यकाल पर विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल के फूल एवं मोदी सरकार की योजनाओं को आधार बनाकर वोट मांगा जाएगा। चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री तय किया जाएगा। हालांकि पार्टी की प्रचार सामग्री में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ के फोटो लगाए जाएंगे । तीनों नेता प्रदेश के अलग-अलग संभागों से निकाली जाने वाली परिवर्तन यात्रा में मौजूद रहेंगे । अन्य नेता उनके गृहक्षेत्र में निकाले जाने वाली यात्रा में मौजूद रहेंगे।

राजस्थान के नेताओं को बीएल संतोष का सख्त संदेश

प्रदेश में वसुंधरा की लोकप्रियता को देखते हुए चुनाव की घोषणा से पहले और बाद में प्रचारकों की मुख्य भूमिका में रखा जाएगा। वसुंधरा पूरे प्रदेश का दौरा करेंगी। भाजपा के संगठन महामंत्री बी.एल.संतोष ने सोमवार को कोर कमेटी के सदस्यों सहित प्रदेश के 40 प्रमुख नेताओं की बैठक में साफ कर दिया कि गुटबाजी से पार्टी नेतृत्व नाखुश है। प्रदेश के नेताओं को गुटबाजी खत्म कर मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने की तैयारी करनी होगी।

व्यक्तिगत प्रचार नहीं करने की हिदायत

बैठक में मौजूद रहे दो वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि संतोष ने अशोक गहलोत सरकार के विरूद्ध बड़े पैमाने पर आंदोलन करने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार गहलोत सरकार के विरूद्ध बड़ा मुद्दा है । लेकिन प्रदेश स्तर पर कोई बड़ा आंदोलन इस मुददे पर नहीं किया गया।

संतोष ने प्रदेश के नेताओं को सख्त संदेश देते हुए कहा कि व्यक्तिगत प्रचार के स्थान पर कमल के फूल और मोदी के चेहरे के पोस्टर व होर्डिंग्स लगाए जाएं। उन्होंने कुछ नेताओं का प्रचार सीएम के चेहरे के रूप में किए जाने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व के कामकाज से किसी भी नेता को कोई शिकायत है तो उस बारे में केंद्रीय नेताओं से बात की जाए।

दोनों नेताओं ने बताया कि अधिकारिक बैठक के अतिरिक्त संतोष ने वसुंधरा और जोशी से अलग बात की। संतोष की हिदायत के बाद वसुंधरा से जोशी,राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा,संगठन महामंत्री चंद्रशेखर,केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी,पूर्व केंद्रीय मंत्री सी.आर.चौधरी ने मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार बैठक में अन्य पिछड़ा वर्ग और दलित वोट बैंक को साधने पर विशेष जोर दिया गया ।

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