Rajasthan News: सोयाबीन की फसल को आग के हवाले और लहसुन को नदी में बहा रहे किसान
Rajasthan News पिछले दिनों हुई तेज बारिश के कारण खेतों में कटी सोयाबीन और उड़द की फसल खराब होने से किसान बेहाल हैं। सोयाबीन की फसल का भी खर्च किसानों को नहीं मिल सका है। ऐसे में किसान फसल को आग के हवाले कर रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Sun, 16 Oct 2022 04:37 PM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan News: राजस्थान में मूंगफली, लहसुन और सोयाबीन के सही भाव नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। मूंगफली और लहसुन के भाव पिछले साल के भाव के मुकाबले 20 से 35 फीसद तक कम हैं। कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान उपज का सही दाम नहीं मिलने के कारण राज्य सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने अब तक मदद को लेकर कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया है। मूंगफली का बाजार भाव इसके समर्थन मूल्य 5850 से नीचे पांच हजार रुपये मैट्रिक टन तक पहुंच गए हैं। जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सोयाबीन की फसल को इसलिए आग लगाने को मजबूर हैं किसान
प्रदेश में मूंगफली की 17 लाख और सोयाबीन की नौ लाख मीट्रिक टन फसल होने की बात कृषि विभाग कह रहा है। वहीं, पिछले दिनों हुई तेज बारिश के कारण खेतों में कटी सोयाबीन और उड़द की फसल खराब होने से किसान बेहाल हैं। सोयाबीन की फसल का भी खर्च किसानों को नहीं मिल सका है। ऐसे में किसान फसल को आग के हवाले कर रहे हैं। किसान बैंकों और स्थानीय व्यापारियों से लिया गया कर्ज चुकाने को लेकर परेशान हैं। सोयाबीन की फसल सबसे ज्यादा प्रदेश के बारां और झालावाड़ जिलों में होती है। इन जिलों के किसानों को उम्मीद थी कि अच्छी फसल होने पर वे बच्चों की पढ़ाई और शादी-विवाह आसानी से कर सकेंगे, लेकिन तेज बारिश से उनके सपनों को खत्म कर दिया है।
लहसुन को नदी में बहाने को मजबूर हैं किसान
इसी तरह लहसुन उत्पादक किसान सही भाव नहीं मिलने के कारण अपनी उपज को स्थानीय नदी में बहाने को मजबूर हो रहे हैं। अब किसान सरकार और बीमा कंपनियों से उम्मीद लगाए बैठे हैं। बारां जिले में छबड़ा के किसान रामरतन व प्रताप ने कहा दो साल से लहसुन का स्टाक कर रखा था कि सही भाव मिलने पर बेचेंगे, लेकिन इस बार तो उम्मीद से कम भाव मिल रहे हैं। इस कारण दुखी होकर नदी में लहसुन बहा रहे हैं। किसान जगन ने कहा सोयाबीन की फसल काटकर खेत में रखी थी, लेकिन इस बीच तेज बारिश हो गई। जिससे फसल खराब हो गई। उन्होंने कहा कि सोयाबीन, लहसुन और मूंगफली का पैदा करने तक का खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में परेशान होकर सोयाबीन को आग के हवाले कर रहे हैं। लहसुन नदी में बहाया जा रहा है।लालचंद कटारिया बोले, शीघ्र ही कोई सकारात्मक निर्णय होगा
वहीं, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का कहना है कि सरकार को किसानों की परेशानी के बारे में जानकारी है। शीघ्र ही कोई सकारात्मक निर्णय होगा।
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