Rajasthan Flood: राजस्थान में बाढ़ से तबाही, 4 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू, NDRF की टीमें तैनात
सेना के जवान और आपदा प्रबंधन दल लगातार लोगों को बचाने में जुटे हैं बीते दो दिनों में 4 हजार से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राजस्थान में हो रही तेज बारिश के कारण पानी की आवक लगातार जारी है।
By Priti JhaEdited By: Updated: Thu, 25 Aug 2022 11:06 AM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में बाढ़ से हालात बिगड़ने लगे हैं। सेना के जवान और आपदा प्रबंधन दल लगातार लोगों को बचाने में जुटे हैं बीते दो दिनों में 4 हजार 6 सौ 30 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राजस्थान के साथ ही मध्यप्रदेश में हो रही तेज बारिश के कारण चंबल नदी में पानी की आवक लगातार जारी है। धौलपुर में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 14 मीटर ऊपर पहुंच गया है। पार्वती नदी उफान पर है।
मालूम हो कि राजस्थान के बारां ज़िले में कालीसिंध नदी खतरे के निशान पर बह रही है। जिसके चलते आधा दर्जन गांव प्रभावित हैं। बाढ़ से प्रभावित रायपुरिया गांव से 322 लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाढ़ प्रभावित जिलों में मंत्रियों को जाकर स्थिति पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सीएम ने बाढ़ के कारण संपति और फसल का सर्वे करवाने के भी निर्देश दिए हैं। बाढ़ में होने वाली जनहानि में मृतकों के स्वजनों को मुआवजा देने का भी निर्णय लिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ का हवाई सर्वे किया।#WATCH राजस्थान: बारां ज़िले में कालीसिंध नदी खतरे के निशान पर बह रही है। जिसके चलते आधा दर्जन गाँव प्रभावित हैं।
बाढ़ से प्रभावित रायपुरिया गाँव से 322 लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। pic.twitter.com/LHFWdSmxNr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 24, 2022
4 हजार से ज्यादा का रेस्क्यू
जानकारी हो कि राजस्थान के कई राज्यों में हो रही भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। वहीं निचले इलाकों में बाढ़ (Flood) के खतरे में बीते दो दिनों में 4 हजार से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सेना के जवानों को बचाव कार्यों के लिए तैनात करना पड़ा है। फिलहाल बाढ़ से रेस्क्यू काम में लगे राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारी के अनुसार जिला प्रशासन, पुलिस, सेना, वायुसेना,एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को राहत कार्य में लगाया गया है। जिन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों का रेस्क्यू किया है।हेलीकाप्टर व नावों की मदद से ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है। कोटा में सुखनी नदी में डूबने से एक बच्चे की मौत भी हो गई। इस पूरे क्षेत्र में अधिकतर इलाके बाढ़ का सामना कर रहे हैं।पानी की आवक बांधों में जारी
प्रदेश के उदयपुर,भीलवाड़ा,प्रतापगढ़,कोटा, झालावाड़,बारां,चित्तोड़गढ़ जिलों में बारिश का कहर जारी है। इन जिलों में पांच दर्जन गांवों का संपर्क कट गया है। वहीं, उदयपुर में भारी बारिश के चलते मंगलवार को 21 बच्चे रातभर स्कूल में फंसे रहे। इन्हें बुधवार सुबह निकाला गया। प्रदेश के 22 में से तीन बांध पूरी तरह से भर चुके हैं।इनमें बांसवाड़ा का हारो, टोंक का गलवा और प्रतापगढ़ का जाखम शामिल हैं। इन बांधों में अब यदि और पानी की आवक हुई तो आसपास के इलाकों के लिए खतरा हो सकता है। राणा प्रताप बांध,कोटा बैराज,गुढ़ा बांध भी सौ फीसदी भरने के करीब हैं। इन बांधों से गेट खोलकर पानी निकाला गया है।
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- Ashok Gehlot (@gehlotashok) 25 Aug 2022
- Prasar Bharati News Services & Digital Platform (@pbns_india) 25 Aug 2022