Rajasthan: मेंहदीपुर बालाजी के अधिग्रहण की तैयारी में राजस्थान सरकार
विहिपभाजपाबजरंग दलदसानन समाज और ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी यूपी हरियाणा दिल्ली और मप्र.से मंदिर में पहुंच रहे भक्त प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मेंहदीपुर बालाजी के अधिग्रहण को लेकर राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है मंदिर के संचालन को लेकर प्रबंध समिति गठित करने का निर्णय लिया है।
By Priti JhaEdited By: Updated: Mon, 16 Aug 2021 03:10 PM (IST)
जागरण संवाददाता,जयपुर। राजस्थान के दौसा जिले में स्थित देश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मेंहदीपुर बालाजी के अधिग्रहण को लेकर राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है सरकार के देवस्थान विभाग ने मंदिर के संचालन को लेकर प्रबंध समिति गठित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त ने सार्वजनिक सूचना जारी की है।
उधर भाजपा, विश्व हिंदू परिषद,दसानन समाज और आसपास के 100 गांवों के पंचों ने सरकार के इस निर्णय का विरोध जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। पिछले पांच दिन में उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और मध्यप्रदेश से मेंहदीपुर पहुंचे भक्तों ने आंदोलन का समर्थन किया है । राजस्थान के अतिरिक्त इन चारों राज्यों से बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए मेंहदीपुर बालाजी नियमित रूप से पहुंचते हैं ।दरअसल,पिछले दिनों मंहत किशोरीपुरी के निधन के बाद संबंधित पक्ष ने नरेशपुरी को उनका उत्ताराधिकारी चुनने का निर्णय लिया। नरेशपुरी महंत किशोरीपुरी के भतीजे हैं। नरेशपुरी को महंत बनाने को लेकर कवायद चल ही रही थी कि देवस्थान विभाग ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर अधिग्रहण करने की सूचना दे दी ।
तेज होने लगा विरोधमंदिर अधिग्रहण को लेकर सरकार की तैयारी के बीच मेंहदीपुर में धर्मसभा आयोजित करने पर विचार हो रहा है । भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी,पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ,गोलमा देवी ने मंदिर में पहुंचकर नरेशपुरी से मुलाकात कर सरकार की कवायद का हर स्तर पर विरोध करने का भरोसा दिलाया है। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री उमाशंकर शर्मा ने कहा कि महंत किशाोरपुरी के निधन के तत्काल बाद मंदिर में अनियमितता को लेकर देवस्थान विभाग द्वारा नोटिस जारी किया जाना बड़ा षडयंत्र है। उन्होंने कहा कि मेंहदीपुर बालाजी का अधिग्रहण किसी हालत में बर्दास्त नहीं होगा । दसानन समाज के अध्यक्ष बाबू भारती ने सीएम अशोक गहलेात से मुलाकात का समय मांगा है।
पहले ब्रहमा मंदिर का अधिग्रहण हुआ थाइससे पहले अजमेर के पुष्कर में स्थित दुनिया के एकमात्र ब्रहमा मंदिर का तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने अधिग्रहण किया था। महंत सोमपुरी महाराज की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद सरकार ने तत्कालीन जिला कलेक्टर गौरव गोयल की अगुवाई में मंदिर संचालन के लिए समिति गठित की थी। पुष्कर नगर पालिका के चेयरमैन कमल पाठक को इसमें शामिल किया गया था।
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